scriptएफआईआर में दर्ज नाम हटाना नहीं होगा आसान, पेश करना होगा रिकॉर्ड | It will not be easy to delete the name registered in the FIR. | Patrika News

एफआईआर में दर्ज नाम हटाना नहीं होगा आसान, पेश करना होगा रिकॉर्ड

locationबीकानेरPublished: Aug 12, 2022 11:03:39 am

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

– पांच महीने में 39 फाइलों की जांच – तीन हार्डकोर को किया नामजद

एफआईआर में दर्ज नाम हटाना नहीं होगा आसान, पेश करना होगा रिकॉर्ड

एफआईआर में दर्ज नाम हटाना नहीं होगा आसान, पेश करना होगा रिकॉर्ड

बीकानेर. एफआईआर में दर्ज नाम को हटवाना अब आसान नहीं होगा। उच्च अधिकारी फाइल में दर्ज तथ्यों को परखने के बाद ही नाम हटाने जैसे निर्णय करेंगे। साथ ही जांच में कमियां रखने वाले जांच अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। जिला पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बुड़ानिया की ओर से यह व्यवस्था शुरू की गई है। पिछले पांच महीनों में एएसपी के पास 39 फाइलें सत्यापन के लिए आईं। फाइलों की स्क्रूटनी में पता चला कि तीन फाइलों में नाम हटाने की सिफारिश की गई है, लेकिन एएसपी ने अनुसंधान में कमियां पाईं। नए सिरे से जांच हुई, तो तीन हार्डकोर अपराधियों के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाए गए।

इन फाइलों में हो रही विशेष जांच
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर के अधीनस्थ डीवाईएसपी और एसएचओ की ओर से जिन फाइलों में जांच की जाती है। वह फाइल एसपी के पास जाने से पहले एएसपी के पास सत्यापन के लिए आती है। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक अगर किसी फाइल में विशेष जांच कराना चाहते हैं।
पहले होता था यह

पहले फाइल में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर तय होता था कि अपराध प्रमाणित है अथवा अप्रमाणित। मुकदमे में अगर कोई हार्डकोर या एचएस नामजद है, तो उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मंगवाया जाता था। फाइल का सत्यापन कर आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भिजवा दिया जाता था।
अब हो रहा ऐसा

अब नई व्यवस्था के तहत फाइल की पूरी स्क्रूटनी की जा रही है। सभी नामजद का क्रिमिनल रिकॉर्ड देखा जाता है। अगर फाइल में किसी नामजद के खिलाफ अपराध अप्रमाणित माना जाता है। वह हार्डकोर व एचएस की श्रेणी में है, तो परिवादी को ऑफिस बुलाया जाता है। उससे सभी साक्ष्यों के बारे में पड़ताल की जाती है। सभी गवाहों का परीक्षण किया जाता है। जिस गवाह के आधार पर आरोप अप्रमाणित हुआ, वह कहीं आरोपी का हितबद्ध गवाह तो नहीं है। जांच अधिकारी से कहीं कोई साक्ष्य छूट तो नहीं गया है, यह परखा जाता है।
इनका कहना है…
नई व्यवस्था से मुकदमों में नाम हटाने व जोड़ने को लेकर पुलिस पर लगने वाले आरोपों से निजात मिल रही है। अब तक 39 फाइलों की जांच की गई, जिसमें से तीन फाइलों में नामजद हार्डकोर के खिलाफ कमजोर तथ्य व सबूत पाए गए, जिस पर उन फाइलों की दुबारा से हर बिन्दु पर जांच की गई और तीन हार्डकोर के खिलाफ आरोपी प्रमाणित माना। फाइल में रही कमियों के बिन्दु बनाकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया।
अमित कुमार बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

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