यह है परम्परा
हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंदिर परिसर से निकाली जाती है। तीन अलग-अलग रथों में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विराजित होते है। पुरानी जेल रोड स्थित मंदिर परिसर से रथयात्रा कोटगेट, केईएम रोड होते हुए रतन बिहारी पार्क परिसर पहुंचती है। ठाकुरजी यहां नौ दिनों तक विराजित होते है। ठाकुरजी के विविध व्यंजनों का भोग अर्पित होता है। भजन,कीर्तन और स्तुती गान होता है। नौ दिनों के बाद ठाकुरजी पुन: निज मंदिर में रथ यात्रा के माध्यम सेे लौटते है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा को मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकाली गई व मंदिर परिसर में ही रथ यात्रा का आयोजन किया गया। रथ यात्रा उत्सव का समापन 20 जुलाई को होगा।
महाआरती में शामिल हुए श्रद्धालु
रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन किए। मंदिर परिसर में हुई महाआरती में श्रद्धालु शामिल हुए। जगन्नाथ विकास समिति के अध्यक्ष घनश्याम लखाणाी के अनुसार महाआरती, रथयात्रा और बावड़ी पूजन के दौरान कन्हैया लाल कल्ला, अनिल कल्ला, रघुराज सिंह राठौड़, मोहन सुराणा, अनिल सोनी, विनोद भोजक,सचिन भाटिया गोविंद सिंह कच्छावा महावीर प्रजापत सहित महिला श्रद्धालु उपस्थित रही।