जेल में चल रहा खेल
बीकानेर केन्द्रीय कारागार में पिछले काफी समय से मोबाइल, सिम एवं आपत्तिजनक सामग्री मिलने का खेल चल रहा है। औचक निरीक्षण हो या सामान्य रुटीन चेकिंग किसी न किसी बैरक से मोबाइल व सिम मिल रहे हैं। इनको लेकर जेल प्रशासन गंभीर नहीं है। जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण जेल में हथियार पहुंचने की घटना हुई, जिसके चलते वर्ष २०१२ में यहां कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और उसके विरोधी गुट में गैंगवार हो चुकी है, जिसमें तीन बंदियों की मौत हो गई थी।
बीकानेर केन्द्रीय कारागार में पिछले काफी समय से मोबाइल, सिम एवं आपत्तिजनक सामग्री मिलने का खेल चल रहा है। औचक निरीक्षण हो या सामान्य रुटीन चेकिंग किसी न किसी बैरक से मोबाइल व सिम मिल रहे हैं। इनको लेकर जेल प्रशासन गंभीर नहीं है। जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण जेल में हथियार पहुंचने की घटना हुई, जिसके चलते वर्ष २०१२ में यहां कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और उसके विरोधी गुट में गैंगवार हो चुकी है, जिसमें तीन बंदियों की मौत हो गई थी।
त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था फेल
केन्द्रीय कारागार में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। इसके बावजूद जेल में आए दिन मोबाइल, सिम, चार्जर व नशे की चीजे बंदियों और बैरकों से बरामद हो रही है। ऐसे में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं। जेल में बंदी मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं जबकि ऑफिस कार्मिकों एवं अधिकारियों के फोन काम नहीं करते। जेल में जैमर महज ऑफिस में काम करते हैं लेकिन बैरकों की तरफ मोबाइल पर बंदी जेल में बैठे-बैठे ही जनप्रतिनिधियों को धमका रहे हैं।
केन्द्रीय कारागार में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। इसके बावजूद जेल में आए दिन मोबाइल, सिम, चार्जर व नशे की चीजे बंदियों और बैरकों से बरामद हो रही है। ऐसे में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं। जेल में बंदी मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं जबकि ऑफिस कार्मिकों एवं अधिकारियों के फोन काम नहीं करते। जेल में जैमर महज ऑफिस में काम करते हैं लेकिन बैरकों की तरफ मोबाइल पर बंदी जेल में बैठे-बैठे ही जनप्रतिनिधियों को धमका रहे हैं।