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हार्मोनल बैलेंस बिगडऩे, असंतुलित भोजन व बढ़ती उम्र से हड्डियां होती हैं कमजोर

locationबीकानेरPublished: Aug 16, 2018 08:31:36 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

60 वर्ष की उम्र में भारत में और अमरीका में ८० वर्ष की उम्र में लोगों को जोड़ों संबंधी ज्यादा दिक्कत होती है।

joint pain

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हैल्दी बोन-ज्वाइंट

अनियमित जीवनशैली की वजह से या फिर बढ़ती उम्र में जोड़ों से संबंधित मिनरल्स खत्म होने लगते हैं। हड्डियां घिसने और कमजोर होने लगती हैं। जंकफूड, अम्लीय चीजों को खाने से बचें। इससे हड्डियों को नुकसान होता है।

60 वर्ष की उम्र में भारत में और अमरीका में ८० वर्ष की उम्र में लोगों को जोड़ों संबंधी ज्यादा दिक्कत होती है। उम्र कोई भी हो मजबूत हड्डियां स्वस्थ शरीर की जरूरत होती हैं। हड्डियां कैल्शियम के अलावा कई तरह के मिनरल्स से बनी हैं। ३५ की उम्र के बाद हड्डियों की ग्रोथ प्रभावित होती है। हार्मोनल बैलेंस बिगडऩे से भी दिक्कत होती है।
एक्सरसाइज से हड्डियां मजबूत : एक हड्डी से दूसरी को जोडऩे के स्ट्रक्चर को जॉइंट कहते हैं। खानपान में लापरवाही और एक्सरसाइज न करने से जोड़ों में दिक्कत होती है। एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां और जॉइंट्स मजबूत रहते हैं। कोई चीज ऊंचाई से उतारें तो एडिय़ों के बल ऊंचे होकर पकडऩे की कोशिश न करें। अचानक झुके भी नहीं।
इलाज कब : जोड़ों में कार्टिलेज खराब होने से दिक्कत होती है। एडवांस घुटना प्रत्यारोपण से उकडू़-मुकड़ू और आल्ती-पाल्ती कर बैठ सकते हैं। ऑपरेशन से एक दिन पहले भर्ती मरीज का दूसरे दिन ऑपरेशन व तीसरे दिन उसे घर भेज देते हैं।
प्रोटीनयुक्त डाइट लें : दैनिक व्यायाम, बॉडी स्ट्रेचिंग, स्टें्रथिंग और रनिंग, ब्रिस्क वॉक करें। मांसपेशियां मजबूत होंगी। इससे बोन्स स्ट्रेंग्थ मजबूत रहेंगी। प्रोटीनयुक्त भोजन लें। शुगर, फैट युक्त चीजों का प्रयोग कम करें।

कई हार्मोन ठीक करते हैं दर्द, पेनकिलर न लें
कभी-कभी गर्दन में दर्द या स्ट्रेचिंग के कारण मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं। दर्द भी होता है। ऐसे में लगातार पेनकिलर लेनेसे शरीर का वार्निंग सिस्टम सही काम नहीं करता है। शरीर में मेलार्फिन सहित कई हार्मोन दर्द को ठीक करते हैं।

आयुर्वेद में भी इलाज

३०-३५ की उम्र तक ऊतक बनते रहते हैं। पुराने टिश्यू के स्थान पर नए टिश्यू बनने से मांसपेशियां मजबूत रहती हैं। हड्डियां भी सुरक्षित रहती हैं। इसके बाद ग्रोथ कम हो जाती है।
आहार : इसके लिए जरूरी है कि दूध आधारित चीजें, बादाम, अंजीर, चीज, सोयाबीन, साइट्रस फ्रू ट, हरे पत्तेदार सब्जियां लेनी चाहिए।
विहार : सुबह १५-३० मिनट तक धूप में बैठें। विटामिन डी3 फॉस्फोरस से, अल्ट्रावायलेट किरणों, विटामिन डी से कॉलेस्ट्रॉल बनता है। कैल्शियम फॉस्फोरस को अवशोषित करता है। शरीर की अस्थि संरचना के लिए आहार-विहार दोनों पर ध्यान देना जरूरी है।
वर्जित : शराब, धूम्रपान तो पूरी तरह वर्जित। चाय-कॉफी का अधिक सेवन न करें। नमकीन, अम्लीय चीजें और जंकफूड भी खाने से बचें।
मसाले औषधि से भरपूर : रसोई में इस्तेमाल होने वाले मसाले औषधीय गुणों से भरपूर हैं। जीरा, मैंथीदाना, हल्दी फायदेमंद है। जीरे में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन ए,सी,ई एक से तीन ग्राम गरम पानी १/२ कप में छानकर पीएं।
डॉ. आर.के. वर्मा
वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज,जयपुर

डॉ. मनोरमा सिंह
प्रवक्ता, शल्य चिकित्सा एनआइए जयपुर

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