होटल में पत्रकारों ने जब कुमार विश्वास से बातचीत करना चाही तो उन्होंने सिर्फ बीकानेर व कविताओं के बारे में बताया। वे राजनीति के सवालों से पल्ला झाड़ते नजर आए। कुमार विश्वास यहां सिर्फ कवि बनकर ही आए और यहां से सीधे नोखा के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने कवि सम्मेलन में भाग लिया।
हिन्दी कविताओं पर भारी हास्य व वीर रस बीकानेर. देश में कविताएं सुनने व लिखने वालों की संख्या बढ़ी है। अब युवक-युवतियां कविताएं लिख रहे है। यह नई पीढ़ी तो हमसे भी बेहतर कविताएं लिखेगी। यह बात गुरुवार को बीकानेर आए कवि कुमार विश्वास ने राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में कही।
कुमार विश्वास ने कहा कि हिन्दी साहित्य तो चारण लेखकों की परंपरा से ही पैदा हुआ है।
कुमार विश्वास ने कहा कि आजकल लेखकों की कविताएं पत्र-पत्रिकाओं में नहीं छप रही हैं, इस वहज से लेखक कम हो गए हैं। ये लेखक अपना माध्यम बदलकर फेसबुक व ब्लॉग्स पर कविताएं लिख रहे हैं। विश्वास ने बताया कि बीकानेर बहुत अच्छा शहर है, बीकानेर का कवि मनोज उनका प्रिय मित्र रहा है। उन्होंने बताया कि वे दिसंबर में बीकानेर आ सकते हैं।