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VIDEO : डॉ. कुमार विश्वास बीकानेर में, पर ‘डू नोट डिस्टर्ब’

locationबीकानेरPublished: Sep 21, 2018 08:31:53 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास गुरुवार को बीकानेर में थे। बीकानेर के नोखा में कवि सम्मेलन में शिरकत करने आए थे।

Kumar Vishwas

Kumar Vishwas

बीकानेर. आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास गुरुवार को बीकानेर में थे। बीकानेर के नोखा में कवि सम्मेलन में शिरकत करने आए थे। आमतौर पर जनता के बीच रहने वाले कुमार विश्वास बीकानेर में पूरी तरह से बदले हुए नजर आए। होटल लालगढ़ पैलेस में घुसते ही उन्होंने ‘डू नोट डिस्टर्ब’ का बोर्ड टांग दिया। होटल में सात घंटे आराम करने के बाद उन्होंने रात आठ बजे दरवाजा खोला। काफी ना-नुकुर करने के बाद पत्रकारों से बात करने को राजी हुए, लेकिन राजनीति पर कोई बात नहीं की।
कुमार विश्वास दोपहर में लालगढ़ पैलेस में पहुंचने के बाद सीधे होटल के कमरे में चले गए। उन्होंने शाम ७:३० बजे तक किसी से भी मिलने से मना कर दिया। शाम ७ बजे उनसे मिलने के लिए ‘आपÓ कार्यकर्ता, प्रशंसक व आयोजक करीब एक घंटे तक रिसेप्शन पर खड़े रहे। कार्यकर्ताओं ने जिद की तो रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति ने विश्वास को फोन किया। इस पर विश्वास ने १० मिनट बाद आने को कहा। उन्होंने रात ८ बजे बाद उन्होंने कमरे का दरवाजा खोला। बाद में उनसे मिलने एक ही प्रशंसक पहुंच पाया।
कविताओं पर ही बात
होटल में पत्रकारों ने जब कुमार विश्वास से बातचीत करना चाही तो उन्होंने सिर्फ बीकानेर व कविताओं के बारे में बताया। वे राजनीति के सवालों से पल्ला झाड़ते नजर आए। कुमार विश्वास यहां सिर्फ कवि बनकर ही आए और यहां से सीधे नोखा के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने कवि सम्मेलन में भाग लिया।

हिन्दी कविताओं पर भारी हास्य व वीर रस

बीकानेर. देश में कविताएं सुनने व लिखने वालों की संख्या बढ़ी है। अब युवक-युवतियां कविताएं लिख रहे है। यह नई पीढ़ी तो हमसे भी बेहतर कविताएं लिखेगी। यह बात गुरुवार को बीकानेर आए कवि कुमार विश्वास ने राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में कही।
कुमार विश्वास ने कहा कि हिन्दी साहित्य तो चारण लेखकों की परंपरा से ही पैदा हुआ है।
यह चारण कवियों की वाणी का प्रताप है। पिछले २५ से ३० साल में हिन्दी की कविताओं पर हास्य रस, वीर रस भारी पड़ रहा है। अब इनसे बाहर निकलकर नई पीढ़ी कविताएं, लोकगीत, गजलें लिख रही है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर तकनीक बढऩे के साथ लोगों की संवेदना बढ़ी है। इसलिए लोगों का कवि सम्मेलनों की तरफ रुझान बढ़ा है।
कम हो गए लेखक
कुमार विश्वास ने कहा कि आजकल लेखकों की कविताएं पत्र-पत्रिकाओं में नहीं छप रही हैं, इस वहज से लेखक कम हो गए हैं। ये लेखक अपना माध्यम बदलकर फेसबुक व ब्लॉग्स पर कविताएं लिख रहे हैं। विश्वास ने बताया कि बीकानेर बहुत अच्छा शहर है, बीकानेर का कवि मनोज उनका प्रिय मित्र रहा है। उन्होंने बताया कि वे दिसंबर में बीकानेर आ सकते हैं।
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