scriptहजारों किमी दूर से आई टैग लगी कुरजां बीकानेर से गायब | Kurjan missing from the tag thousands of kilometers away from Bikaner | Patrika News

हजारों किमी दूर से आई टैग लगी कुरजां बीकानेर से गायब

locationबीकानेरPublished: Nov 28, 2019 02:00:16 am

Submitted by:

Jitendra

bikaner news : हजारों किलोमीटर का सफर तय कर आई विदेशी पक्षी कुरजां बीकानेर जिले से गायब हो गई है। इसको लेकर पक्षी विशेषज्ञ चिंतित है और इसकी तलाश की जा रही है। टैग लगी यह कुरजां रूस से बीकानेर आई थी। इसकी अंतिम लोकेशन बीकानेर के पलाना-देशनोक के पास ट्रेस की गई थी।

Kurjan missing from the tag thousands of kilometers away from Bikaner

हजारों किमी दूर से आई टैग लगी कुरजां बीकानेर से गायब

अंतिम बार 11 नवंबर को बीकानेर के पलाना के पास ट्रेस किया गया

बीकानेर. हजारों किलोमीटर का सफर तय कर आई विदेशी पक्षी कुरजां बीकानेर जिले से गायब हो गई है। इसको लेकर पक्षी विशेषज्ञ चिंतित है और इसकी तलाश की जा रही है। टैग लगी यह कुरजां रूस से बीकानेर आई थी। इसकी अंतिम लोकेशन बीकानेर के पलाना-देशनोक के पास ट्रेस की गई थी। इस कुरजां के एक पैर में सफेद रंग का टैग लगा है, जो सैटेलाइट से जुड़ा हुआ है। इसका आइडी नंबर केएन ६५३९ है।
मेहमान पक्षी रूस से ४८ दिन में ३,२७० किलोमीटर दूरी तय कर यहां आई। आइयूसीएन सदस्य व पक्षी विशेषज्ञ डॉ. दाउलाल बोहरा ने बताया कि रूस के वैज्ञानिक इवोन पोकोवोसी व डॉ. एलीना ने संपर्क किया और इस कुरजां की अंतिम लोकेशन की जानकारी भेजी है। डॉ. बोहरा ने बताया कि रूस में सहीरा रिपब्लिक ऑफ खरखवास में रूस के वैज्ञानिक इवोन पोकोवोसी व डॉ. एलीना ने इस पर टैग लगाया गया।
रूस में ३ सितंबर को अंतिम बार देखा
टैग लगे कुरजां को ३ सितंबर को अंतिम बार रूस में देखा गया। इसके बाद २८ अक्टूबर को इसे बीकानेर में देखा गया। इसे अंतिम बार ११ नवंबर को बीकानेर के पलाना-देशनोक के पास ट्रेप किया गया। इसकी सैटेलाइट से सूचना नहीं मिलने पर बीकानेर के पक्षी विशेषज्ञ को जानकारी दी गई। इसके बाद आइयूसीएन सदस्य व पक्षी विशेषज्ञ ने इसकी तलाश तेज कर दी है।
ली जाएगी जानकारी
डॉ. बोहरा ने बताया कि जिस स्थान पर यह कुरजां को अंतिम बार देखा गया, उस स्थान पर जाकर जानकारी ली जाएगी। इससे पहले लूणकरनसर में एक अन्य कुरजां टैग लगी हुई मिली थी। इससे साबित होता है कि बीकानेर में कुरजां के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखने लगा है। विदेशों में कुरजां की संख्या को लेकर बड़े अनुसंधान चल रहे है। इन अनुसंधानों के माध्यम से डेमोसाइल क्रेन यानी कुरजां की तय दूरी के माध्यम से दक्षिणी रूस में संख्या तथा एशिया में होने वाले पक्षियों के प्रवास के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। यह कुरजां रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के शहरों से होते हुए बीकानेर पहुंची है।
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