श्रमिक नेता व्यास के अनुसार सुबह करीब 9 . 30 बजे आजाद के पार्क के पास गोधे लड रहे थे। वह पास की चौकी पर चढ़ गया। लडने वाले गोधो में से एक गोधा अचानक चौकी पर चढ़ गया। वे गोधे से बचाव के लिए चौकी से नीचे कूद गए। इसी दौरान संतुलन बिगडने से वे गिर गए। दूसरा गोधा उनके उपर से निकल गया। इससे उनकी रीढ की हड्डी व शरीर के अन्य अंगो पर चोटे आई है। गौरतलब है कि पिछले माह की १७ तारीख को भी इसी क्षेत्र में एक गोवंश की चपेट में आने से महिला घायल हुई थी।
अकादमी रोड पर गोधों का जमावड़ा
श्रमिक नेता व्यास के अनुसार अकादमी रोड व आजाद पार्क के पास बड़ी संख्या में गोधों का जमावड़ा लगा रहता है। गोधे रोज लड़ते रहते है व घरों के आगे खड़े रहने वाले वाहनों को भी नुकसान पहुंचा रहे है। रविवार रात को भी इसी क्षेत्र में गोधे लड़ते रहे। वार्ड पार्षद सुधा आचार्य के अनुसार वे स्वयं कल रात को इसी क्षेत्र में गोधों की चपेट में आने से बची थी। उन्होने बताया कि निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को कई बार सडक़ों पर घूम रहे गोधों को पकडऩे की मांग की जा चुकी है। क्षेत्र में हर समय बेसहारा पशुओं के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
बेपरवाह बना निगम प्रशासन
शहर में आए दिन लोगों के बेसहारा पशुओं के कारण घायल होने की घटनाओं के बावजूद निगम प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। घटना होने पर महज दिखावे के लिए कुछ पशुओं को पकडक़र निगम प्रशासन इतिश्री कर रहा है। जिला प्रशासन भी बेसहारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। बैठकों में महज निर्देश देकर इस गंभीर समस्या से छुटकारा मान रहे है। निगम प्रशासन की हठधर्मिता के चलते निगम गोशाला में पशुओं को नहीं रखा जा रहा है। दूसरी गोशालाएं गोधों को रखने को लेकर इच्छुक नजर नहीं आ रही है। निगम इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर पा रहा है। दिखावे के लिए कुछ स्थानों से हरे चारे के ठेले-गाडे हटवाकर व कुछ पशुओं को पकडक़र दिखावा कर रहा है। जिस प्रकार से शहर में यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है, उसको देखते हुए अब अभियान चलाकर पशुओं को पकडऩे और निगम गोशाला में रखने की जरुरत है।