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बीकानेर

करीब तेरह साल से बिना मान्यता चल रहा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विधि विभाग

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से 2014 में मान्यता मिली थी।

बीकानेरNov 10, 2017 / 11:57 am

अनुश्री जोशी

Maharaja Ganga Singh University
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विधि विभाग करीब तेरह साल से बिना मान्यता चल रहा था और इस सत्र 2017-18 में विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों का प्रवेश नहीं हुआ है। इससे अब अगले साल भी मान्यता को लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से 2014 में मान्यता मिली थी।
बार कौंसिल से हर साल मान्यता लेनी पड़ती है, लेकिन वर्ष 2014 के बाद से विधि विभाग को मान्यता नहीं है और विधि विभाग कई साल से बिना मान्यता के चल रहा था। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार एलएलबी पाठ्यक्रम का संचालन उसकी मान्यता के बिना नहीं किया जा सकता है। मान्यता नहीं मिलने से यहां के विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, साथ ही द्यार्थियों को परेशानी भी हो रही है।
एक नियमित व चार गेस्ट फैकल्टी
विधि विभाग में एक ही फैकेल्टी नियमित है और चार गेस्ट फैकेल्टी लगाए हुए हैं। मान्यता नहीं मिलने का कारण विधि विभाग में नियमित रूप से छात्रों के अनुपात में फैकेल्टी नहीं होना बताया गया है।
अगले सत्र से प्रवेश
अगले सत्र से विधि विभाग में प्रवेश मिल सकेगा। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति हो गई है।
प्रो. भागीरथसिंह बिजारणियां, कुलपति, एमजीएसयू, बीकानेर

निदेशक ने किया समतुल्य शिक्षा कक्षाओं का निरीक्षण
साक्षरता एवं समतुल्य शिक्षा के सहायक निदेशक मेघराज मीणा ने गुरुवार को नोखा के बिलनियासर में चल रही समतुल्य शिक्षा कक्षाओं का निरीक्षण किया। साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही कक्षाओं में 30 प्रतिभागी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस अवसर पर मीणा ने कहा कि साक्षरता एवं विकास एक दूसरे के पूरक हैं। साक्षरता से मानव चेतना भी जागृत होती है।
उन्होंने कहा कि समतुल्य शिक्षा कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त करने वाले लाभार्थी, अपने परिवार और आसपास रहने वाले निरक्षरों की पहचान करें और उन्हें साक्षर बनाने में सहयोग करें। सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने बताया कि जिले के सभी छह ब्लॉक क्षेत्रों में 12 स्थानों पर समतुल्य शिक्षा योजना के तहत कक्षाएं लग रही हैं। इन कक्षाओं में प्रति कक्षा में 30 लोगों के हिसाब से कुल 360 लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
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