गौरतलब है कि मेनका गांधी द्वारा एक श्वान के इलाज के उपरान्त पशुचिकित्सक के साथ फोन पर अभद्र एवं अशोभनीय व्यवहार किया गया। पूरे पशुचिकित्सक समुदाय में इस हेतु रोष व्याप्त है जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह की अर्मादित भाषा का प्रयोग करना निंदनीय है। मूक प्राणियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले पशुचिकत्सकों के साथ इस तरह का अशोभनीय व्यवहार समाज में एक गलत संदेश देता है जिसका पूरे पशुचिकित्सक समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है।
भारतीय पशुचिकित्सा संघ ने 23 जून को काले दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया। इसी क्रम में वेटरनरी विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाईयों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया। समस्त पशुचिकित्सा समुदाय द्वारा अपने सम्मान के लिए तब तक लड़ने का आह्वान किया गया है जब तक मेनका गांधी द्वारा समस्त पशु चिकित्सा समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग ली जाती है।