जिसके बाद राजधानी स्थित इटरनल हॉस्पिटल, संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल, नारायणा अस्पताल और फोर्टिस अस्पताल का औषधि नियंत्रण संगठन ने रिकार्ड खंगाला। इस दौरान प्रकरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। औषधि नियंत्रक अजय फाटक के अनुसार कुछ जगह तो यह भी सामने आया कि इस्तेमाल किए जाने वाले बैलून एंजियोप्लास्टी में काम लिया जाने वाला एक ही बैलून कई मरीजों में इस्तेमाल लिया जा रहा है।
जबकि हर मरीज से उसका अलग अलग चार्ज वसूल किया जा रहा है। यहां यह भी सामने आ गया कि स्टेंट की कीमतें तो निर्धारित ही दिखाई जा रही है, जबकि पैकेज राशि बढ़ा दी गई है।