एेसे रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग के अनुसार इस साल प्रति सप्ताह औसतन 40 ‘मीजल्स’ रोगी सामने आ रहे हैं। बीकानेर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक रोगी सामने आ रहे है।
कई स्थानों पर इस रोग का प्रकोप अधिक है। चिकित्सा अधिकारियों ने इस रोग से पीडि़तों की संख्या बढऩे की आशंका जताई है। शहर के मुक्ता प्रसाद नगर, तिलक नगर, गंगाशहर सहित कई क्षेत्रों में इस रोग का प्रकोप अधिक है। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी रोगी सामने आ रहे हैं।
जांच में सैम्पल पॉजिटिव
डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डॉ. मंजूलता शर्मा ने बताया कि ‘मीजल्सÓ रोगियों के लगातार सामने आने के बाद सर्वाधिक प्रकोप वाले तीन क्षेत्रों से 15 सैम्पल लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई गई। जांच में सभी सैम्पल ‘मीजल्स’ पॉजिटिव पाए गए। वहीं तीन सैम्पल लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।
डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डॉ. मंजूलता शर्मा ने बताया कि ‘मीजल्सÓ रोगियों के लगातार सामने आने के बाद सर्वाधिक प्रकोप वाले तीन क्षेत्रों से 15 सैम्पल लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई गई। जांच में सभी सैम्पल ‘मीजल्स’ पॉजिटिव पाए गए। वहीं तीन सैम्पल लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।
किशोर-युवाओं में भी रोग
आमतौर पर ‘मीजल्स’ छोटे बच्चों में सर्वाधिक होता है। विभाग के अनुसार सामने आए रोगियों में 12 साल से 25 साल तक के बालक-युवा भी शामिल हैं। इससे विभाग के अधिकारी भी सकते में हैं।
आमतौर पर ‘मीजल्स’ छोटे बच्चों में सर्वाधिक होता है। विभाग के अनुसार सामने आए रोगियों में 12 साल से 25 साल तक के बालक-युवा भी शामिल हैं। इससे विभाग के अधिकारी भी सकते में हैं।
टीकाकरण पर सवाल
बड़ी संख्या में रोगियों केसामने आने से स्वास्थ्य विभाग के ‘मीजल्स’ टीकाकरण पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं जनवरी से रोगियों के सामने आने के बाद भी इस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्य नहीं होने से विभाग की उदासीनता सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार डब्ल्यूएचओ की स्थानीय टीम ने जनवरी में ही स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे।
बड़ी संख्या में रोगियों केसामने आने से स्वास्थ्य विभाग के ‘मीजल्स’ टीकाकरण पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं जनवरी से रोगियों के सामने आने के बाद भी इस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्य नहीं होने से विभाग की उदासीनता सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार डब्ल्यूएचओ की स्थानीय टीम ने जनवरी में ही स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे।
शहर से गांवों तक नजर
यह सही है कि जिले में ‘मीजल्स’ रोगियों की संख्या बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ इस पर नजर बनाए हुए है। शहर से गांवों तक जांच कार्य जारी है। रोगियों के सैम्पल की प्रयोगशाला में जांच करवाई गई है। टीकाकरण के बाद भी ‘मीजल्स’ होने की संभावना रहती है।
यह सही है कि जिले में ‘मीजल्स’ रोगियों की संख्या बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ इस पर नजर बनाए हुए है। शहर से गांवों तक जांच कार्य जारी है। रोगियों के सैम्पल की प्रयोगशाला में जांच करवाई गई है। टीकाकरण के बाद भी ‘मीजल्स’ होने की संभावना रहती है।
कुछ स्थानों पर दूसरा टीकाकरण नहीं होने की बात सामने आई। गत वर्ष की तुलना में इस बार अधिक रोगी सामने आ रहे हैं। कुछ स्थानों पर आउटब्रेक की स्थिति बनी है। रोग की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।
डॉ. मंजूलता शर्मा, एसएमओ, डब्ल्यूएचओ (बीकानेर)
डॉ. मंजूलता शर्मा, एसएमओ, डब्ल्यूएचओ (बीकानेर)
ली जाएगी जानकारी
टीकाकरण के बाद भी ‘मीजल्स’ रोग होने की संभावना रहती है। अगर दो माह में साढ़े तीन सौ से अधिक रोगी सामने आए हैं तो यह अधिक है। शीघ्र इसकी जानकारी ली जाएगी। इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। इस कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ, बीकानेर
टीकाकरण के बाद भी ‘मीजल्स’ रोग होने की संभावना रहती है। अगर दो माह में साढ़े तीन सौ से अधिक रोगी सामने आए हैं तो यह अधिक है। शीघ्र इसकी जानकारी ली जाएगी। इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। इस कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ, बीकानेर
यह है स्थिति
2018 में जनवरी से आने लगे खसरा के मरीज
40 रोगी सामने आ रहे प्रति सप्ताह औसतन
15 सैम्पल लिए गए तीन क्षेत्रों से, प्रयोगशाला में कराई जांच
2018 में जनवरी से आने लगे खसरा के मरीज
40 रोगी सामने आ रहे प्रति सप्ताह औसतन
15 सैम्पल लिए गए तीन क्षेत्रों से, प्रयोगशाला में कराई जांच