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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग: बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की होगी जांच

locationबीकानेरPublished: Dec 17, 2018 12:15:28 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

बीकानेर. जिले के सभी निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थानों में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की नियमानुसार व्यवस्था है या नहीं इसकी पड़ताल सोमवार से शुरू

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग: बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की होगी जांच

बीकानेर. जिले के सभी निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थानों में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की नियमानुसार व्यवस्था है या नहीं इसकी पड़ताल सोमवार से शुरू होगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और राज्य सरकार के नियमों के तहत बायोवेस्ट का सही ढंग से निस्तारण नहीं करने वाले चिकित्सा संस्थानों पर नकेल कसने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय किया है। जिलेभर में विशेष अभियान चलाकर चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर मेडिकल कचरे के संग्रहण व निस्तारण की व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई भी की जाएगी। शहर के कई चिकित्सालय संस्थान बायोमेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण नहीं कर रहे हैं या फिर नगर निगम के कचरे में भेजा जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। खासकर सफाई कर्मचारी भी इस खतरनाक कचरे के संक्रमण के शिकार हो जाते है।
गंभीर बीमारियों का डर
मेडिकल बायोमेडिकल वेस्ट को अस्पताल प्रबंधन बाहर डाल देते है। जिसमें ग्लूकोज की बोतल व सीरिंज भी खुले में डाल देते है। खुले में डाले गए इस बायोवेस्ट में डाले ग्लूकोज की बोतल व सीरिंज को कबाड़ का काम करने वाले मासूम बच्चे अपने थैले में भरकर ले जाते है। कई बार इन मासूम बच्चों के हाथ में सिरिंज में लगी सुंई चुभ जाती है। इससे उनको संक्रमण का खतरा रहता है। पीबीएम अस्पताल स्थित मोर्चरी के पास मेडिकल कचरा संग्रहण केन्द्र बनाया हुआ है। परन्तु यहां भी कचरा आसपास बिखरा रहता है। कचरे पर आवारा पशु व श्वान विचरण करते रहते हैं।
जुर्माने का प्रावधान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा के मुताबिक निजी व सरकारी अस्पताल संचालकों को बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण नियमानुसार कराना अनिवार्य है। नियमों की पालना नहीं करने वाले चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। बायोमेडिकल कचरे केनिस्तारण के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना पड़ता है। यह प्रमाण-पत्र चिकित्सा संस्थान के पास नहीं है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों की जांच के लिए सोमवार से अभियान शुरू होगा।
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