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एमजीएसयू.: व्याख्यानमाला में वर्तमान परिदृश्य पर रखे विचार

locationबीकानेरPublished: Apr 24, 2019 08:12:13 pm

Submitted by:

Atul Acharya

बीकानेर. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को महर्षि शौनक भवन सभागार में पांचवें महाराजा गंगासिंह स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया।

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एमजीएसयू.: व्याख्यानमाला में वर्तमान परिदृश्य पर रखे विचार

बीकानेर. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को महर्षि शौनक भवन सभागार में पांचवें महाराजा गंगासिंह स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. केएल शर्मा ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जाति शब्द को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है।प्रो. शर्मा ने ग्रामीण भारत में जाति, सामाजिक असमानता एवं गतिशीलता विषय पर कहा कि साठ से सत्तर साल पहले ग्रामीण परिवेश में जाति व जातीय सोच वहां प्रमुखता से रही, जहां सामन्तवादी सोच हावी थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जाति व्यवस्था लुप्त होकर केवल जाति में परिवर्तित होती जा रही है, जो राजनीतिक फ लक पर प्रमुखता से परिलक्षित होती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि गांव और शहर की कोई निश्चित परिभाषा अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। उन्होंने साल 1980 के बाद से वर्तमान तक विकसित जातीय परिदृष्य पर कहा कि तीस साल पहले तक किसानों पर कर्ज जैसी किसी चीज नहीं थी। भारतीय परिदृश्य में शहरीकरण व परिवर्तन कहां से आया, इस विषय पर सूक्ष्म अध्ययन की आवश्यकता है। समन्वयक प्रो. नारायण सिंह राव, सह-समन्वयक डॉ. मेघना शर्मा ने भी विचार रखे। समारोह में कुलसचिव राजेन्द्र सिंह डूडी, उपकुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. जेएस खीचड़, डॉ. गिरिराज हर्ष, डॉ. प्रकाश सारण, डॉ. सुरेन्द्र गोदारा, डॉ. मंजू सिखवाल आदि उपस्थित थे।
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