रखे आंकड़े
रविवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश की दूरस्थ गांव-ढाणियों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 3 हजार 440 गांवों और 4 हजार 639 ढाणियों में 1 हजार 887 टैंकरों द्वारा 7 हजार 938 फेरों से जल परिवहन किया जा रहा है। इसी प्रकार 62 शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 529 टैंकरों द्वारा 4 हजार 101 फेरों से जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में 1029 पशु शिविर एवं चारा डिपो संचालित करने के दिशा-निर्देश 10 जनवरी को जारी कर दिए गए। इसकी अनुपालना में राज्य के अन्य जिलों के अलावा बीकानेर में 44 सहित कुल 198 चारा डिपो स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चारे की उपलब्धता एवं दरों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब में टीमें भिजवाई गई हैं। मध्यप्रदेश एवं हरियाणा से आने वाले चारे को राजस्थान में निर्बाध रूप से आने देने के लिए पत्र लिखा गया है।
अस्पतालों में माकूल हों व्यवस्थाएं
आपदा प्रबंधन मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि लू-ताप लहर के मद्देनजर चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक दवाइयां, बेड, कूलर, पंखे, चिकित्सकीय स्टाफ की व्यवस्था चाक-चौबंद रहे। इसके मद्देनजर नियंत्रण कक्ष की स्थापना, रेपिड रेसपॉन्स टीमों का गठन तथा 108 एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।