इसमें रोडवेज के बेडे में कितने वाहन है, कितनों की आवश्यकता है, उनकी स्थिति सहित कई एक दर्जन ऐसे बिन्दुओं पर अधिकारियों के साथ मंथन कर उनसे फीडबैक लिया जाएगा। इसमें प्रबंधक के साथ ही मुख्य उत्पादन प्रबंधक भी शामिल होंगे।
इन बिन्दुओं पर रहेगा फोकस
प्रत्येक माह होने वाला मंथन आगार का आवंटित शिुड्यूल, वाहनों की कितनी आवश्यकता है। ऑफ रुट हुए वाहनों का कारण बताना होगा। उनको ऑन रुट करने के लिए किस तरह प्रयास किए जा रहे हैं। आगार के संचालन परिणामों की समीक्षा होगी। स्टाफ की क्या स्थिति (सभी वर्ग) उसकी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा 50 से अधिक उम्र वाले चालकों की शारीरिक, नेत्र परीक्षण की रिपोर्ट बताना सहित कई बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रत्येक माह होने वाला मंथन आगार का आवंटित शिुड्यूल, वाहनों की कितनी आवश्यकता है। ऑफ रुट हुए वाहनों का कारण बताना होगा। उनको ऑन रुट करने के लिए किस तरह प्रयास किए जा रहे हैं। आगार के संचालन परिणामों की समीक्षा होगी। स्टाफ की क्या स्थिति (सभी वर्ग) उसकी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा 50 से अधिक उम्र वाले चालकों की शारीरिक, नेत्र परीक्षण की रिपोर्ट बताना सहित कई बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
यात्रीभार पर जोर
&रोडवेज की प्रबंधन की मंशा यात्रीभार बढ़ाने की है। इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक माह होने बैठक होगी तो सभी बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक मंथन हो सकेगा। सभी प्रबंधकों से सुझाव लिया जाएगा।
रवि सोनी, कार्यकारी निदेशक (यांत्रिक) जयपुर
&रोडवेज की प्रबंधन की मंशा यात्रीभार बढ़ाने की है। इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक माह होने बैठक होगी तो सभी बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक मंथन हो सकेगा। सभी प्रबंधकों से सुझाव लिया जाएगा।
रवि सोनी, कार्यकारी निदेशक (यांत्रिक) जयपुर