scriptखुद के बेटी नहीं… तो सरकारी स्कूल में पढ़ रही सभी बेटियों का जन्मदिन मनाएंगे सीकर के करणीराम | sikar's Karni ram will celebrate birthday all girls who studying in government schools | Patrika News

खुद के बेटी नहीं… तो सरकारी स्कूल में पढ़ रही सभी बेटियों का जन्मदिन मनाएंगे सीकर के करणीराम

locationबीकानेरPublished: Nov 02, 2016 12:29:00 pm

Submitted by:

vishwanath saini

करणीराम का कहना है कि आने वाले पांच साल तक गांव की स्कूल में पढऩे वाली प्रत्येक बेटी का जन्मदिन केक काटकर मनाया जाएगा।

sikar's Karni ram will celebrate birthday all girls who studying in government schools
गांव के 65 वर्षीय बुजुर्ग खिलाड़ी ने बेटियों के लिए अनूठी पहल शुरू की है। जिसमें एक सरकारी स्कूल में पढऩे वाली सभी बेटियों का जन्मदिन ये अपने खर्चे पर मनाएंगे।

जन्म दिन होने वाली बेटी के लिए बाकायदा केक काटा जाएगा और उसे उपहार दिए जाएंगे। ताकि बेटियों के प्रति सोच को बदला जा सके और इनके प्रति भेदभाव की भावना को दूर किया जा सके।
जी हां, ये खिलाड़ी तारपुरा निवासी करणीराम पूनिया हैं। जो कि, बास्केटबॉल के अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी भी रह चुके हैं। इन्होंने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बालाजी का नाड़ा, बेरी स्कूल को गोद लिया है।
जिसमें पढऩे वाली हर छात्रा का जन्म दिन ये अपने स्तर पर मनाएंगे। बतौर करणीराम का कहना है कि आने वाले पांच साल तक गांव की स्कूल में पढऩे वाली प्रत्येक बेटी का जन्मदिन केक काटकर मनाया जाएगा।
इस दौरान जन्म दिन वाली बेटी को उपहार के साथ-साथ ड्रेस व शिक्षण सामग्री भी वितरित की जाएगी। हालांकि बेटियों का जन्मदिन मनाने की शुरूआत गणेश चतुर्थी से की जा चुकी है। ये संकल्प इन्होंने अपनी पौती के जन्मदिन पर लिया। जो कि, आने वाली पांच साल तक जारी रहेगा।

बेटी का समझा मोल


बुजुर्ग करणीराम का कहना है कि बेटी का मोल क्या होता है। कोई उनसे पूछे। क्योंकि इनके खुद के कोई बेटी नहीं है। इसलिए बेटी नहीं होने की पीड़ा से ये वाकिफ हैं। हालांकि अब इनके परिवार में दो पौतियां हैं। जिनका जन्मदिन भी ये विशेष तरीके से मनाते हैं।
शहरी संस्कृति भी जरूरी

पूनिया का मानना है कि शहरों में मनाए जाने वाले जन्मदिन का अहसास ग्रामीण परिवेश में जीने वाली बेटियां भी कर सके। इसके लिए नई पहल का प्रयास किया गया है। इससे गांवों में रहने वाले परिजनों में भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश मिलेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो