बैठक में जिले में पदस्थापित केन्द्र सरकार के अधिकारियों तथा बैंक समन्वयकों से विचार-विमर्श कर सुझाव लिए गए। जिला विकास प्रबंधक ताम्बिया ने बताया कि नाबार्ड भौगोलिक संकेतक (जीआइ) को पंजीकृत करवाने के लिए 100 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाता है। बीकानेर में स्वयं सहायता समूहों के कई हस्त निर्मित उत्पाद जीआइ पंजीकृत होने के लिए भी पात्र हैं। इसके लिए नाबार्ड शिल्पकारों, व्यापारियों के साथ बैठक कर रहा है। जीआइ पंजीयन से यहां बनने वाली कारपेट, उस्ता कला और लकड़ी की गणगौर सहित अन्य उत्पादों को शिल्पकार बाजार में सही कीमत पर बेच सकेंगे।
महापौर ने बताई भावी योजना
बैठक में उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. आरके सावल, स्वामी केशवानंद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. राजेश शर्मा, राजुवास के प्रोफेसर डॉ. दिनेश जैन, आरसेटी के निदेशक लालचंद वर्मा, डीपीएम राजीविका रमेश व्यास, दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के राजेन्द्र कुमार शामिल हुए। महापौर सुशीला कंवर ने बीकानेर को प्लास्टिक मुक्त करने के प्रण को पूरा करने के लिए भावी योजना रखी। बैठक के बाद महापौर ने सेक्टर 5 में हुडको क्वार्टर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही पौधरोपण भी किया।
बैठक में उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. आरके सावल, स्वामी केशवानंद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. राजेश शर्मा, राजुवास के प्रोफेसर डॉ. दिनेश जैन, आरसेटी के निदेशक लालचंद वर्मा, डीपीएम राजीविका रमेश व्यास, दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के राजेन्द्र कुमार शामिल हुए। महापौर सुशीला कंवर ने बीकानेर को प्लास्टिक मुक्त करने के प्रण को पूरा करने के लिए भावी योजना रखी। बैठक के बाद महापौर ने सेक्टर 5 में हुडको क्वार्टर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही पौधरोपण भी किया।