कर्मचारी नेता शिवलाल तेजी, रतनलाल चांवरिया और अशोक व्यास के नेतृत्व में कर्मचारियों ने पिछले छह माह से वेतन का भुगतान समय पर नहीं होने, रामदेवरा मेले पर कार्मिकों पर रामदेवरा ऋण एवं समर्पित अवकाश का भुगतान करने, सफाई कर्मचारी, जमादार, खलासी व अन्य फील्ड के कार्मिकों की पदोन्नति करने, निगम की आर्थिक तंगी को देखते हुए राजस्व से जुडे़ सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से उनका मूल कार्य करवाया जाने की मांगे रखते हुए सफाई सलाहकार बाहरी व्यक्ति को नियुक्त करने पर आपत्ति जताई। इस दौरान भाजपा के कई पार्षदों ने निगम कार्मिकों की मांगों को वाजिब बताते हुए जल्द गौर करने के लिए आयुक्त से कहा। इस दौरान गणेश चंदेलिया, गजराज चांवरिया, राजकुमार चांगरा, महेन्द्र पंडित, प्रतीक झा, नेक मोहम्मद, हितेश यादव, ओमप्रकाश जावा, पार्षद राजेन्द्र शर्मा, मोहम्मद ताहिर आदि मौजूद थे।
काम करने वालों को मिल रही सजा
कर्मचारियों ने आयुक्त के समक्ष इस बात पर रोष जताया कि निगम के जो कार्मिक काम कर रहे हैं उनको सजा मिल रही है जो कुछ कर ही नहीं रहे हैं उनको तव्वजो और पद दिए जा रहे हैं। कार्मिकों ने दो राजस्व अधिकारियों को स्वास्थ्य अधिकारी बनाए जाने और बाहरी व्यक्ति को सफाई सलाहकार बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज करवाई।
डीपीसी नहीं
निगम कर्मचारियों ने डीपीसी नहीं होने पर नाराजगी जताई। आयुक्त को बताया कि डीपीसी के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद भी फाइलों को जानबूझकर अटका रखा है। कुछ कार्मिकों ने महापौर स्तर पर डीपीसी की प्रक्रिया अटकने पर रोष जताया। वहीं डीपीसी की पुष्टि निगम बोर्ड की साधारण सभा में रखकर पुष्टि करवाने की बात कही।