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बेटी अभिशाप नहीं, अभिमान है : बालिका दिवस पर किया बालिकाओं का सम्मान

locationबीकानेरPublished: Jan 25, 2018 11:17:03 am

गार्गी पुरस्कार विजेता, मीरा पुरस्कार विजेता, स्वर्णपदक विजेता तथा एनसीसी व स्काउट की गतिविधियों में विजेता रही छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

Award Ceremony
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बीकानेर महानगर की ओर से बुधवार को बालिका दिवस पर वेटरनरी सभागार में नारी जनचेतना रैली व ‘बेटी अभिशाप नहीं, अभिमान है’ विषय पर संगाष्ठी का आयोजन किया गया। विभाग सहछात्रा प्रमुख कोमल शेखावत ने बताया कि यह रैली डॉ. करणीसिंह स्टेडियम से वेटरनरी विवि ऑडिटोरियम तक निकाली गई। रैली में विभिन्न स्कूलों की छात्राएं शामिल रही।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा क्षेत्र की विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि छात्रा शक्ति कहीं भी छात्रों से कम नहीं, चाहे सरकारी सेवा, स्पोट्र्स एक्टिविटी हो या राजनीति। आज की नारी देश की रक्षा करने के लिए सीमा पर पुरुष के मुकाबले ही तैनात रहती है। विशिष्ट अतिथि डॉ. विमला मेघवाल ने नारी शिक्षा पर छात्राओं को जानकारी दी।
डॉ. कौशल पारीक व डॉ. सुमन कंवर ने उच्चशिक्षा में नारी की भूमिका का वर्णन किया। कार्यक्रम में गार्गी पुरस्कार विजेता, मीरा पुरस्कार विजेता, स्वर्णपदक विजेता तथा एनसीसी व स्काउट की गतिविधियों में विजेता रही छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में गायत्री राठौड़, चित्रा भाटी, पूनम बिदावत, आरती सेठिया, सुमन जोधा, नीतू भाटी आदि का सहयोग रहा।
बालिकाएं सम्मानित
रानीबाजार स्थित गुरुद्वारा राउमावि में बालिका दिवस पर 11 होनहार बालिकाओं का सम्मान किया गया। भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढाओ के जिला प्रभारी विजय कोचर ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा महामंत्री सुमन जैन, डॉ. अशोक मीना, डॉ.सरोज शर्मा, अर्पिता गुप्ता, गणेश योगी ने बच्चियोंं को सम्मानित किया।

बेटियों के लिए युवाओं से सीधा संवाद
गर्भ में पल रही बेटियों को बचाने का संदेश देने के लिए जिले में बुधवार को डॉटर्स आर प्रिशियस महोत्सव का आयोजन हुआ। जिले में चार सौ से अधिक शिक्षण संस्थानों में डेप रक्षको की ओर से युवाओं से व्यावहारिक संवाद स्थापित कर कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के लिए प्रेरित किया गया। पॉवर पाइन्ट प्रस्तुतीकरण तथा वीडिय़ो क्लिप्स के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध संदेश दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि डेप रक्षकों के रूप में शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्साधिकारी, आयुष चिकित्सक, आशा सुपरवाइजर, मेलनर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट, आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक व आईसीडीएस से महिला पर्यवेक्षक आदि स्वयंसेवक के रूप में डेप रक्षक के रूप में युवाओं से व्यवहारिक संवाद स्थापित किया।
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