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‘पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त माध्यम भारतीय गोवंश

locationबीकानेरPublished: Oct 14, 2019 11:52:38 am

Submitted by:

Ramesh Bissa

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया ने वेटरनरी विश्वविद्यालय के देशी गोवंश संवद्र्धन कार्यो का अवलोकन उन्होंने राजुवास के राठी गोवंश केन्द्र पर उन्नयन संवद्र्धन कार्यों का अवलोकन किया। कुलपति सचिवालय में हुई बैठक में डॉ. कथीरिया ने कहा कि भारतीय गोवंश वर्तमान सामाजिक, विकास, मानव स्वास्थ्य के हित और पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त विकल्प है।

National Kamdhenu Commission Chairman Vallabhbhai Kathiria in bikaner

‘पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त माध्यम भारतीय गोवंश

बीकानेर.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया ने वेटरनरी विश्वविद्यालय में रविवार को देशी गोवंश के संरक्षण और संवद्र्धन कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने राजुवास के राठी गोवंश केन्द्र पर उन्नयन संवद्र्धन कार्यों का अवलोकन किया। कुलपति सचिवालय में हुई बैठक में डॉ. कथीरिया ने कहा कि भारतीय गोवंश वर्तमान सामाजिक, विकास, मानव स्वास्थ्य के हित और पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त विकल्प है। कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि राज्य में स्थापित 8 पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर राज्य की श्रेष्ठ राठी, थारपारकर, कांकरेज, साहीवाल, गिर और मालवी के अनुसंधान और नस्ल सुधार कार्यक्रमों के अच्छे परिणाम आए हैं।
मुहैया कराएंगे वित्तीय संसाधन

वेटनरी परिसर में आयोग अध्यक्ष ने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग केन्द्र सरकार से आवश्यक वित्तीय संसाधन मुहैया करवाएगा। केन्द्र के 40 विभागों के साथ समन्वय करके इन कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। अब समय आ गया है कि हम देशहित में अपने गोवंश के गौरव की पुर्न:स्थापना के कार्य में जुट जाएं। गोशालाओं को स्वालम्बी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में श्रेष्ठ भारतीय गोवंश को लेकर उन्नत अनुसंधान हो रहा है लेकिन हम अपनी क्षमताओं के प्रति जागरूक नहीं हैं।
मासिक पत्रिका का विमोचन

डॉ.कथीरिया ने विश्वविद्यालय की हिन्दी मासिक पत्रिका ‘पशुपालन नए आयाम के अंक का विमोचन किया। वेटरनरी विष्वविद्यलय के अधिष्ठाता प्रो. राकेश राव ने आभार जताया। राठी अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. विजय बिश्नोई ने राठी गौवंश संवद्र्धन कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक प्रो.आर.के.सिंह, प्रो.आर.के. धूडिय़ा, प्रो. एस.सी.गोस्वामी, प्रो. ए.के.कटारिया, प्रो. अंजु चाहर, प्रो. जे.एस. मेहता एवं एम. राम मौजूद रहे।
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