अस्पताल के वार्डों में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम परिवर्तन के साथ ही मौसमी बीमारियां बढ़ती हैं। इस कारण बुखार, उल्टी-दस्त, सिरदर्द के रोगी अधिक आ रहे हैं। उनकी जांच कराकर दवा दी जा रही हैं। वहीं वायरल बुखार के साथ ही मलेरिया के रोगी भी सामने आ रहे हैं।
निजी अस्पतालों में भी बढ़े
सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ रहती है। यहां पर मरीज को इलाज कराने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर, ओपीडी, जांच केंद्र और दवा वितरण केंद्र पर लाइन लगानी पड़ती है। इससे बचने के लिए मरीज निजी अस्पतालों में पैसा खर्च कर इलाज कराना उचित समझते हैं।