बताया जा रहा है कि निगम वर्षों पहले हुए सर्वे में शामिल 12743 सम्पत्तियों के मालिकों को बिल भेजेगा, जबकि १५ सालों में शहर के विकास के साथ यूडी टैक्स के दायरे में आ सकने वाली सम्पत्तियां बढ़ी हैं। इसके बाद सर्वे नहीं होने और इन सम्पत्तियों के यूडी टैक्स सूची में शामिल नहीं होने से निगम को राजस्व का नुकसान होगा।
सम्पत्तियां 25 हजार, वसूली 13 हजार से जानकारी के अनुसार निगम क्षेत्र में करीब २५ हजार सम्पत्तियां यूडी टैक्स के दायरे में आती हैं। सर्वे नहीं होने और सूची में शामिल नहीं होने से करीब १३ हजार सम्पत्तियों से ही टैक्स वसूला जा रहा है। बताया जा रहा है कि निगम हर वर्ष करीब दस करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित कर यूडी टैक्स वसूलता है, लेकिन पूरा टैक्स कभी वसूली नहीं किया जा सका। अगर नया सर्वे हो और सम्पत्तियां बढ़ें तो करीब यूडी टैक्स से वसूली दोगुनी हो सकती है।
5 जोन, 55 वार्ड और 12743 सम्पत्तियां निगम अभी पांच जोन में ५५ वार्ड और १२७४३ सम्पत्तियों से यूडी टैक्स वसूल रहा है। बताया जा रहा है कि गंगाशहर जोन में ३७१८, मुरलीधर व्यास कॉलोनी जोन में २९३१, रेलवे स्टेशन जोन में ९८१, दीनदयाल सर्किल जोन में ३७९७ और हैड ऑफिस जोन में १३२६ सम्पत्तियां शामिल हैं। सालों पहले गठित हो चुके ६० वार्डों के अनुसार न तो जोन बनाए गए हैं और ना ही सम्पत्तियों का नए सिरे से चिह्नित किया गया है।
चार साल बाद भी सर्वे का लाभ नहीं स्मार्ट राज प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने अगस्त-२०१५ में फोर्थ डायमेंशन फर्म को अन्य
मॉड्यूल पर काम करने के साथ यूडी टैक्स के लिए सम्पत्तियों का सर्वे कार्य भी दिया था। फर्म के सर्वे का लाभ निगम को करीब चार साल बाद भी नहीं मिल पाया है, क्योंकि फर्म ने सर्वे पूरा नहीं
किया और इस काम में रही कमी का खमियाजा नगर निगम भुगत रहा है।
जल्द करवाएंगे नया सर्वे यूडी टैक्स की वसूली बढ़ाने के लिए नया सर्वे करवाया जाएगा। स्मार्ट राज प्रोजेक्ट के तहत नई फर्म को यह कार्य दिया हुआ है। इस बार पुराने सर्वे के आधार पर ही सम्पत्तियों के मालिकों को बिल भेजे जाएंगे।
प्रदीप के गवांडे, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर