बुधवार को विवि परिसर में तीनों छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों की कुलपति के साथ चली तीन घंटों की वार्ता में फीस में 100 रुपए तक बढ़ोतरी करने पर सहमति बनी। कुलाधिपति के आदेश के अनुसार इस विवि में फीस 300 से 1400 रुपए तक बढ़ गई थी।
महाराजा गंगासिंह विवि के अधीन 285 कॉलेज हैं और इनमें ३ लाख ५० हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। फीस वृद्धि पर एबीवीपी, एनएसयूआई और एसएफआई के छात्र विवि और महाविद्यालयों में आन्दोलन कर रहे थे। फीस को लेकर बनी सहमति के बाद कुलपति भगीरथ सिंह ने फलों का रस पिलाकर एबीवीपी छात्रों का अनशन तुड़वाया।
इस मौके पर भाजपा के भगवान सिंह मेड़तिया भी छात्रों के साथ रहे। वहीं एनएसयूआई के पदाधिकारी एक सौ रुपए की बढ़ोतरी को भी वापस लिए जाने की मांग पर अड़े रहे और डूंगर महाविद्यालय परिसर में धरना जारी रखा।
कम थी फीस
राज्य के बाकी विश्वविद्यालय में परीक्षा शुल्क में हर साल 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होती रही है। महाराजा गंगासिंह विवि में बढ़ोतरी नहीं होने से फीस अन्य विवि की तुलना में कम थी। कुलाधिपित के समान परीक्षा शुल्क लागू करने से गंगासिंह विवि में विभिन्न संकायों में फीस तीन गुणा तक बढ़ गई थी।
राज्य के बाकी विश्वविद्यालय में परीक्षा शुल्क में हर साल 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होती रही है। महाराजा गंगासिंह विवि में बढ़ोतरी नहीं होने से फीस अन्य विवि की तुलना में कम थी। कुलाधिपित के समान परीक्षा शुल्क लागू करने से गंगासिंह विवि में विभिन्न संकायों में फीस तीन गुणा तक बढ़ गई थी।
पहले भी हुए दो बार आन्दोलन
महाराजा गंगासिंह विवि में साल 2005 में घड़साना आन्दोलन के दौरान भी छात्रों ने विवि की फीस बढ़ोतरी का विरोध किया था। तब राज्य सरकार ने विवि प्रशासन को आश्वस्त किया था कि फीस के अन्तर की राशि 3 करोड़ रुपए की राज्य सरकार क्षतिपूर्ति कर देगी।
महाराजा गंगासिंह विवि में साल 2005 में घड़साना आन्दोलन के दौरान भी छात्रों ने विवि की फीस बढ़ोतरी का विरोध किया था। तब राज्य सरकार ने विवि प्रशासन को आश्वस्त किया था कि फीस के अन्तर की राशि 3 करोड़ रुपए की राज्य सरकार क्षतिपूर्ति कर देगी।
इसलिए फीस नहीं बढ़ी। हालांकि यह राशि आज तक राज्य सरकार ने नहीं दी है। साल 2015 में विवि ने परीक्षा शुल्क में सौ रुपए की बढ़ोतरी की थी। इसका छात्र संगठनों ने विरोध किया। तब 50 रुपए बढ़ाने पर छात्रों के साथ समझौता हुआ।
यह है मामला
कुलाधिपति ने चार कुलपतियों की समिति बनाकर राज्य के सभी विवि की परीक्षा फीस के प्रस्ताव मांगें। इन प्रस्तावों के आधार पर राज्यपाल ने अगस्त-2017 से सभी विवि में समान परीक्षा शुल्क निर्धारित कर दिया। इसमें समान परीक्षा शुल्क, समान पारिश्रमिक दर तथा मूल्यांकन की समान दर घोषित कर दी। राज्य के सभी विवि में हर साल परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी होती रही है, लेकिन इस विवि में परीक्षा शुल्क नहीं बढ़ाया गया।
कुलाधिपति ने चार कुलपतियों की समिति बनाकर राज्य के सभी विवि की परीक्षा फीस के प्रस्ताव मांगें। इन प्रस्तावों के आधार पर राज्यपाल ने अगस्त-2017 से सभी विवि में समान परीक्षा शुल्क निर्धारित कर दिया। इसमें समान परीक्षा शुल्क, समान पारिश्रमिक दर तथा मूल्यांकन की समान दर घोषित कर दी। राज्य के सभी विवि में हर साल परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी होती रही है, लेकिन इस विवि में परीक्षा शुल्क नहीं बढ़ाया गया।
अब कुलाधिपति की ओर से घोषित समान परीक्षा शुल्क में महाराजा गंगा सिंह विवि में कुछ संकायों में 2 से 3 गुना फीस बढ़ गई। छात्र इसका विरोध कर रहे थे। इस पर कुलपति ने कॉलेजों के प्राचार्य और छात्र संगठनों को फीस बढ़ोतरी के बारे में कुलाधिपति को प्रस्ताव भेजने का सुझाव दिया, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई।