हालांकि इस व्यवस्था को सामाजिक और महिला संगठनों ने पुन: शुरू करने की मांग की है। लॉकडाउन से पूर्व तक प्रादेशिक परिवहन विभाग में शनिवार को केवल महिलाओं व युवतियों के लाइसेंस बनाने की अलग से व्यवस्था थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद बंद हुई व्यवस्था पुन: शुरू हीं नहीं हुई, जबकि शनिवार और रविववार को छोड़कर शेष दिनों में सभी के लिए लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। असल में पूर्व सरकार के कार्यकाल में महिलाओं को भीड़ से बचाने और उनके कार्य को आसान बनाने के लिए सप्ताह में शनिवार के दिन को केवल महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था। इस दिन लाइसेंस बनाने के लिए बकायदा अधिकारी नियुक्त होते थे, लेकिन जब से इस व्यवस्था को बंद किया गया है, तब से ही महिला और पुरुष वाहन चालकों के लाइसेंस अब समान दिनों में बनने लगे हैं।
पुन: शुरू होनी चाहिए व्यवस्था
बीकानेर सिटीजन एसोसिएशन के हनुमान प्रसाद शर्मा ने बताया कि शनिवार को महिलाओं के लिए आरक्षित व्यवस्था को पुन: शुरू किया जाना चाहिए। जब यह व्यवस्था चल रही थी, तब महिला वाहन चालक अपने आप को सहज महसूस करती थी, उनका नम्बर भी जल्दी आ जाता था। लेकिन जब से पुरानी व्यवस्था को बंद किया गया है तब से महिला वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शर्मा ने बताया कि शहरी सीमा से करीब दस किलोमीटर दूर और उसके बाद घंटों यहां लाइसेंस के लिए इंतजार करना महिला वाहन चालकों के लिए अब परेशानी का कारण बनने लगा है। महिला जाग्रति एसोसिएशन की हेमलता सुथार ने बताया कि राज्य सरकार को महिला वाहन चालकों के लिए शनिवार की व्यवस्था को शुरू किया जाना चाहिए या लाइसेंस बनाने की व्यवस्था केवल महिलाओं के लिए रथखाना स्थित परिवहन कार्यालय में शुरू की जानी चाहिए।
शनिवार की व्यवस्था बंद
कोरोना महामारी के बाद शनिवार को महिलाओं के लिए अलग से लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को फिलहाल बंद कर दिया है। इस संबंध में मुख्यालय से जो भी निर्देश मिलेंगे उनकी पालना की जाएगी।
जुगल किशोर माथुर, जिला परिवहन अधिकारी बीकानेर