कक्षावार ग्रुप बनाए
कृषि महाविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के कक्षावार व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं। इनके माध्यम से पाठ्यक्रम की पीपीटी शेयर की जा रही है। महाविद्यालय की वेबसाइट पर भी यह अपलोड की गई हैं। वहीं कक्षावार गु्रप में अध्यापकों को भी जोड़ा गया है। जो विद्यार्थियों का नियमित मार्गदर्शन कर रहे हैं। कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान ने जूम और लूम से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से नियमित कक्षाएं चल रही हैं।
छह जिलों के किसानों को जोड़ा
गृह विज्ञान महाविद्यालय ने भी ऑन लाइन अध्ययन का पाठ्यक्रम निर्धारित किया है। इसके आधार पर ही अध्ययन कराया जा रहा है। साथ ही विश्व विद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधीन कार्यरत सातों कृषि विज्ञान केन्द्रों ने सोशल मीडिया माध्यम से सभी छह जिलों के किसानों को जोडा है। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से सुझाव, सलाह जारी की जा रही है। अनुसंधान निदेशालय की ओर से भी किसानों को वेबसाइट व सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से हार्वेस्टिंग के तरीके, मौसम अनुमान, फसलों में होने वाले रोगों एवं इनसे बचाव के संबंंध में मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
गृह विज्ञान महाविद्यालय ने भी ऑन लाइन अध्ययन का पाठ्यक्रम निर्धारित किया है। इसके आधार पर ही अध्ययन कराया जा रहा है। साथ ही विश्व विद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधीन कार्यरत सातों कृषि विज्ञान केन्द्रों ने सोशल मीडिया माध्यम से सभी छह जिलों के किसानों को जोडा है। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से सुझाव, सलाह जारी की जा रही है। अनुसंधान निदेशालय की ओर से भी किसानों को वेबसाइट व सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से हार्वेस्टिंग के तरीके, मौसम अनुमान, फसलों में होने वाले रोगों एवं इनसे बचाव के संबंंध में मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
ताकि नहीं हो परेशानी
लॉकडाउन के दौरान किसानों एवं कृषि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए सभी कृषि वैज्ञानिकों को ऑन लाइन सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों ओर किसानों को मार्गदर्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है। ताकि समय का सदपुयोग भी हो, इसकी नियमित समीक्षा भी हो रही है। प्रो.आरपी सिंह, कुलपति, एसकेआरएयू, बीकानेर