नालों के उपर और आस पास के क्षेत्रों में हो रखे अतिक्रमणों के चलते स्थिति एेसी है कि वहां सफाई के लिए मशीनें ही नालों तक नहीं पहुंच पा रही है। इन सबके बावजूद जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम नालों पर हो रखे अतिक्रमण हटाने में सक्रिय नहीं है। सड़कों के नीचे कई फीट गहरे दब चुके चैम्बर, नालों के उपर बन चुकी डामर और सीसी सड़कें भी नालों की सफाई में बाधक बनी हुई है।
दो दर्जन से भी ज्यादा हैं छोटे-बडे़ नाले
नगर निगम क्षेत्र में करीब दो दर्जन छोटे-बडे़ नाले है, इनमें से अधिकतर नाले कचरे से अटे पडे़ है व छोटी-मोटी बारिश में उफान पर आ जाते है। इन नालों की पूरी सफाई नहीं होने के कारण हर साल बारिश के दौरान ये आमजन के लिए परेशानी का कारण बनते है। बारिश के मौसम से पहले हर साल नगर निगम इन नालों की साफ-सफाई और डि-सिल्टिंग पर लाखो रुपए खर्च करता रहा है, लेकिन सुनियोजित योजना के तहत पूरी सफाई नहीं होने से समस्या जस की तस बनी हुई है।
नगर निगम क्षेत्र में करीब दो दर्जन छोटे-बडे़ नाले है, इनमें से अधिकतर नाले कचरे से अटे पडे़ है व छोटी-मोटी बारिश में उफान पर आ जाते है। इन नालों की पूरी सफाई नहीं होने के कारण हर साल बारिश के दौरान ये आमजन के लिए परेशानी का कारण बनते है। बारिश के मौसम से पहले हर साल नगर निगम इन नालों की साफ-सफाई और डि-सिल्टिंग पर लाखो रुपए खर्च करता रहा है, लेकिन सुनियोजित योजना के तहत पूरी सफाई नहीं होने से समस्या जस की तस बनी हुई है।
सड़कों के नीचे दबे सीवर लाइन के चैम्बर
शहर में स्थित कई नालों के दर्जनों चैम्बर सड़कों के नीचे दब चुके है। कई फीट नीचे दबे होने के कारण चैम्बर के माध्यम से नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। एेसे में हर साल ये नाले बारिश के दौरान समस्या बने रहते है। नगर विकास न्यास अथवा नगर निगम की ओर से बनाई जा रही सड़कों के दौरान इन नालों के चैम्बर की ओर ध्यान नहीं दिया जात है जिससे ये चैंबर डामर अथवा सीसी सड़कों के नीचे दब रहे है।
शहर में स्थित कई नालों के दर्जनों चैम्बर सड़कों के नीचे दब चुके है। कई फीट नीचे दबे होने के कारण चैम्बर के माध्यम से नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। एेसे में हर साल ये नाले बारिश के दौरान समस्या बने रहते है। नगर विकास न्यास अथवा नगर निगम की ओर से बनाई जा रही सड़कों के दौरान इन नालों के चैम्बर की ओर ध्यान नहीं दिया जात है जिससे ये चैंबर डामर अथवा सीसी सड़कों के नीचे दब रहे है।
नक्शे उपलब्ध नहीं
शहर में नालों की समस्या का पूरा समाधान नहीं होने का प्रमुख कारण नालों की ड्राइंग नहीं मिलना है। बताया जा रहा है कि शहर में अधिकतर नालों की ड्राइंग संबंधित विभाग के पास मौजूद नहीं है। इससे न तो नालों की स्थिति का पता चल पा रहा है और ना ही नालों के चैम्बरो का। एेसे में चाह कर भी संबंधित विभाग नालों की पूरी सफाई नहीं करवा पा रहा है। शहर में नगर विकास न्यास और नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नाले है। लेकिन इनमें भी सभी नालों की ड्राइंग उपलब्ध नहीं है।
शहर में नालों की समस्या का पूरा समाधान नहीं होने का प्रमुख कारण नालों की ड्राइंग नहीं मिलना है। बताया जा रहा है कि शहर में अधिकतर नालों की ड्राइंग संबंधित विभाग के पास मौजूद नहीं है। इससे न तो नालों की स्थिति का पता चल पा रहा है और ना ही नालों के चैम्बरो का। एेसे में चाह कर भी संबंधित विभाग नालों की पूरी सफाई नहीं करवा पा रहा है। शहर में नगर विकास न्यास और नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नाले है। लेकिन इनमें भी सभी नालों की ड्राइंग उपलब्ध नहीं है।
अतिक्रमण हटें तो हो साफ-सफाई
शहर के अधिकतर नालों के उपर तथा आस पास अतिक्रमणों की भरमार है। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम नालों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से बच रहा है। नालों के उपर अथवा आस पास आवासीय निर्माण, दुकानों, चौकियों, रैम्प आदि के रूप में अतिक्रमण है। वहीं कई नालों के उपर डामर अथवा सीसी सड़के बन चुकी है। इनके हटने के बाद ही नालों की पूरी तरह साफ सफाई हो सकती है। कई स्थानों पर नालों को साफ करने वाली मशीनें ही अतिक्रमणों के चलते नहीं पहुंच पा रही है।
शहर के अधिकतर नालों के उपर तथा आस पास अतिक्रमणों की भरमार है। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम नालों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से बच रहा है। नालों के उपर अथवा आस पास आवासीय निर्माण, दुकानों, चौकियों, रैम्प आदि के रूप में अतिक्रमण है। वहीं कई नालों के उपर डामर अथवा सीसी सड़के बन चुकी है। इनके हटने के बाद ही नालों की पूरी तरह साफ सफाई हो सकती है। कई स्थानों पर नालों को साफ करने वाली मशीनें ही अतिक्रमणों के चलते नहीं पहुंच पा रही है।
चार नालों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च
नगर निगम शहर में स्थित चार नालों की सफाई का कार्य करवा रहा है। इस कार्य पर करीब ३ करोड २५ लाख रुपए खर्च हो रहे है। पुलिस लाइन से बल्लभ गार्डन क्षेत्र तक स्थित इन नालों की सफाई टेण्डर की शर्तो के अनुसार सितम्बर २०१९ तक होनी है। मार्च में शुरू हुए इस कार्य में अब तक महज दो नालों में ही पचास फीसदी से अधिक कार्य हो सका है। जबकि दो नालों की सफाई का कार्य सिरे नहीं
चढ़ पाया है। ठेकेदार शंकर चांडक बताते है कि अतिक्रमण हटने पर ही नालो की पूरी सफाई संभव है। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम के अधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है। नालों की ड्राइंग ही उपलब्ध नहीं है। इसके बिना नालो और उनके चैम्बरों की स्थिति का पता नहीं चल रहा है।
नगर निगम शहर में स्थित चार नालों की सफाई का कार्य करवा रहा है। इस कार्य पर करीब ३ करोड २५ लाख रुपए खर्च हो रहे है। पुलिस लाइन से बल्लभ गार्डन क्षेत्र तक स्थित इन नालों की सफाई टेण्डर की शर्तो के अनुसार सितम्बर २०१९ तक होनी है। मार्च में शुरू हुए इस कार्य में अब तक महज दो नालों में ही पचास फीसदी से अधिक कार्य हो सका है। जबकि दो नालों की सफाई का कार्य सिरे नहीं
चढ़ पाया है। ठेकेदार शंकर चांडक बताते है कि अतिक्रमण हटने पर ही नालो की पूरी सफाई संभव है। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम के अधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है। नालों की ड्राइंग ही उपलब्ध नहीं है। इसके बिना नालो और उनके चैम्बरों की स्थिति का पता नहीं चल रहा है।
यहां चल रहा नाला सफाई का कार्य
निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में पुलिस लाइन से भुट्टा चौराहा, तीर्थ स्तम्भ, एमएन अस्पताल, राजपूत छात्रावास और चार नम्बर कोठी तक स्थित नाला, सूरसागर माताजी मंदिर के पास से फोर्ट डिस्पेंसरी रोड होते हुए सदर थाना व बारदाना गली तक स्थित नाला, बारदाना गली से टैस्सीटोरी समाधि स्थल क्षेत्र रोड, सार्दुल कॉलोनी, पीबीएम शिशु अस्पताल, रानी बाजार ओवर ब्रिज तक स्थित नाला तथा यातायात पुलिस थाना से नशा मुक्ति केन्द्र, नागणेचेजी पुलिस और बल्लभ गार्डन क्षेत्र तक स्थित नालों की सफाई का काम ठेके पर दिया हुआ है।
निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में पुलिस लाइन से भुट्टा चौराहा, तीर्थ स्तम्भ, एमएन अस्पताल, राजपूत छात्रावास और चार नम्बर कोठी तक स्थित नाला, सूरसागर माताजी मंदिर के पास से फोर्ट डिस्पेंसरी रोड होते हुए सदर थाना व बारदाना गली तक स्थित नाला, बारदाना गली से टैस्सीटोरी समाधि स्थल क्षेत्र रोड, सार्दुल कॉलोनी, पीबीएम शिशु अस्पताल, रानी बाजार ओवर ब्रिज तक स्थित नाला तथा यातायात पुलिस थाना से नशा मुक्ति केन्द्र, नागणेचेजी पुलिस और बल्लभ गार्डन क्षेत्र तक स्थित नालों की सफाई का काम ठेके पर दिया हुआ है।
जर्जर दीवारें, लेवल जमीन के बराबर
शहर में कई स्थानों पर नालों की दीवारें तक नहीं है। सड़क और नालों का लेवल एक जैसा होने से हर समय हादसा होने की आशंका रहती है। बारिश के दौरान सड़कों पर पानी जमा होने अथवा रात में अंधेरे के दौरान पैदल अथवा वाहन चालक इन नालों में गिर सकते है। कई नालों में लोगों के गिरने की घटनाएं हो चुकी है। नालों की बदहाली का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो नाले नगर निगम परिसर के पास स्थित है उसकी ही दीवारें नहीं है। वहीं कई नालों की दीवारे जर्जर अवस्था में है। बारिश के दौरान इन दीवारों के टूटने से बड़ा हादसा हो सकता है।
शहर में कई स्थानों पर नालों की दीवारें तक नहीं है। सड़क और नालों का लेवल एक जैसा होने से हर समय हादसा होने की आशंका रहती है। बारिश के दौरान सड़कों पर पानी जमा होने अथवा रात में अंधेरे के दौरान पैदल अथवा वाहन चालक इन नालों में गिर सकते है। कई नालों में लोगों के गिरने की घटनाएं हो चुकी है। नालों की बदहाली का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो नाले नगर निगम परिसर के पास स्थित है उसकी ही दीवारें नहीं है। वहीं कई नालों की दीवारे जर्जर अवस्था में है। बारिश के दौरान इन दीवारों के टूटने से बड़ा हादसा हो सकता है।