शिव मंदिरों में सावन को लेकर विशेष तैयारियां चल रही है। सावन में मंदिरों के साथ-साथ घर-घर में पूजन-अनुष्ठान के आयोजन होंगे। सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन अनुष्ठान की भी तैयारियां चल रही है। कई स्थानों पर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन अनुष्ठानों के आयोजन होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए कई शिवालयों में विशेष तैयारियां की जा रही है।
चलेंगे अभिषेक-पूजन के दौर
ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू ने बताया कि धर्मग्रन्थों में सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना, व्रत-उपासना का विशेष महत्व बतलाया गया है। शिव भक्त जल, दूध, घी, शर्करा, शहद, दही, बिल्व पत्र, पंचामृत आदि से अभिषेक कर भगवान शिव की उपासना करते हैं। सावन २४ जुलाई से प्रारंभ होगा। इस बार चार सोमवार है। सावन में सोमवार के दिन शिव पूजन व उपासना का विशेष महत्व बताया गया है।
सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन-अनुष्ठान
पंडित किराडू के अनुसार धर्मग्रंथों में पार्थिव शिवलिंग निर्माण और पूजन अनुष्ठान का विशेष महत्व बताया गया है। शिवभक्त पवित्र नदी व तालाब की मिट्टी से पूरे सावन माह निर्धारित संख्या में प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण कर उनका अभिषेक पूजन विशिष्ट कार्य सिद्धि की कामना को लेकर करते हैं। सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन अनुष्ठान की पुर्णाहुति पर इनको पवित्र सरोवर में विसर्जित किए जाते हैं।