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आचार संहिता लगने के बाद बिना एग्रीमेंट होना था काम, कलक्टर ने रुकवाया

locationबीकानेरPublished: Oct 13, 2018 12:49:41 pm

बीकानेर. आचार संहिता लागू होने के बाद पिछली तिथियों में ऑर्डर जारी करने से जुड़े आरोपों के बाद जिला कलक्टर ने खाजूवाला में होने वाले करोड़ों रुपए के पैचवर्क कार्य को रोकने के आदेश दिए हैं। इससे पहले उन्होंने मौके पर अधिकारियों की एक टीम भेजकर दस्तावेजों की जांच करवाई थी। जांच में सामने आया कि खाजूवाला के सार्वजनिक निर्माण विभाग कार्यालय ने सितम्बर से पांच अक्टूबर तक करोड़ों रुपए के पैचवर्क ऑर्डर जारी किए थे, लेकिन अधिकतर वर्कऑर्डर में एग्रीमेंट नहीं हुआ। एेसे में जिन वर्कऑर्डर में एग्रीमेंट नहीं हुआ, उस कार्य को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए हैं।

Patchwork in Khajuwala

Patchwork in Khajuwala


बीकानेर. आचार संहिता लागू होने के बाद पिछली तिथियों में ऑर्डर जारी करने से जुड़े आरोपों के बाद जिला कलक्टर ने खाजूवाला में होने वाले करोड़ों रुपए के पैचवर्क कार्य को रोकने के आदेश दिए हैं। इससे पहले उन्होंने मौके पर अधिकारियों की एक टीम भेजकर दस्तावेजों की जांच करवाई थी। जांच में सामने आया कि खाजूवाला के सार्वजनिक निर्माण विभाग कार्यालय ने सितम्बर से पांच अक्टूबर तक करोड़ों रुपए के पैचवर्क ऑर्डर जारी किए थे, लेकिन अधिकतर वर्कऑर्डर में एग्रीमेंट नहीं हुआ। एेसे में जिन वर्कऑर्डर में एग्रीमेंट नहीं हुआ, उस कार्य को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए हैं।
मामला तब उजागार हुआ, जब खाजूवाला के पूर्व विधायक गोविन्दराम मेघवाल ने जिला कलक्टर को लिखित में शिकायत की। मेघवाल ने आरोप लगाया कि ऑर्डर आचार संहिता जारी होने के बाद हुए हैं, लेकिन कागजों में आचार संहिता से पहले के दर्शाए गए। मेघवाल ने कहा कि मौके पर कार्य भी शुरू कर दिया गया, जबकि ठेकेदार ने एग्रीमेंट दस्तावेज पेश नहीं किए। मेघवाल ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को करोड़ों रुपए के ठेके दिए गए और पिछली तारीखों में वर्कऑर्डर जारी कर दिए। आनन-फानन में ठेकेदारों ने कार्य भी शुरू कर दिया।
अधिकारी दोषी मिले होगी कार्रवाई
खाजूवाला में आचार संहिता लागू होने के बाद वर्क ऑर्डर होने की शिकायत थी। जांच करवाई तो पता चला कि ऑर्डर तो आचार संहिता लागू होने से पहले के हैं, लेकिन इनमें ठेकेदार के एग्रीमेंट दस्तावेज नहीं हैं। एेसे में कार्य को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है कि तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एनके गुप्ता, जिला कलक्टर, बीकानेर
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