मामला तब उजागार हुआ, जब खाजूवाला के पूर्व विधायक गोविन्दराम मेघवाल ने जिला कलक्टर को लिखित में शिकायत की। मेघवाल ने आरोप लगाया कि ऑर्डर आचार संहिता जारी होने के बाद हुए हैं, लेकिन कागजों में आचार संहिता से पहले के दर्शाए गए। मेघवाल ने कहा कि मौके पर कार्य भी शुरू कर दिया गया, जबकि ठेकेदार ने एग्रीमेंट दस्तावेज पेश नहीं किए। मेघवाल ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को करोड़ों रुपए के ठेके दिए गए और पिछली तारीखों में वर्कऑर्डर जारी कर दिए। आनन-फानन में ठेकेदारों ने कार्य भी शुरू कर दिया।
अधिकारी दोषी मिले होगी कार्रवाई
खाजूवाला में आचार संहिता लागू होने के बाद वर्क ऑर्डर होने की शिकायत थी। जांच करवाई तो पता चला कि ऑर्डर तो आचार संहिता लागू होने से पहले के हैं, लेकिन इनमें ठेकेदार के एग्रीमेंट दस्तावेज नहीं हैं। एेसे में कार्य को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है कि तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एनके गुप्ता, जिला कलक्टर, बीकानेर