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पत्रिका डे स्पेशल: पानी से भरेंगी तलाइयां, बुझेगी पशु और पक्षियों की प्यास

locationबीकानेरPublished: Apr 13, 2018 02:05:49 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

तेज गर्मी व पानी के संकट को देखते हुए वनविभाग ने पूरे राजस्थान के सुदूर इलाकों में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए बजट जारी किया है।

Forest department

पानी से भरेंगी तलाइयां

निखिल स्वामी/बीकानेर. आने वाले दिनांे में तेज गर्मी व पानी के संकट को देखते हुए वनविभाग ने पूरे राजस्थान के सुदूर इलाकों में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए ७४ लाख, ५० हजार का बजट जारी किया है। जिसमें बीकानेर संभाग के लिए भी अलग से बजट जारी किया गया है।
पशु-पक्षियों को पानी पिलाने के लिए अनेक स्थानों पर तलाई आदि बने हुए है इन्हें पानी से भरा जाएगा। बीकानेर के जोड़बीड़ व गजनेर सहित जिले के कई इलाकों में टैंकरों से पानी भरवाया जाएगा। वन विभाग की ओर से अप्रेल, मई व जून के लिए यह बजट जारी किया गया है।
मरते हैं जानवर
तेज गर्मी में पानी नहीं मिलने से राजस्थान के साथ जिले में कई पशु-पक्षी मरते हैं। साथ ही कुछ तो जंगल छोड़कर पानी की तलाश में शहरी क्षेत्रों में भी आ जाते है।
यूं आवंटित बजट

बीकानेर – १,४०,०००
उपवन संरक्षक स्टेज प्रथम बीकानेर – १,००,०००
उपवन संरक्षक स्टेज द्वितीय बीकानेर – ४०,०००
सागर रोड – ४०,०००
छतरगढ़ – १,८०,०००
चूरू – ५०,०००
श्रीगंगानगर – १,००,०००
हनुमानगढ़ – २०,०००

गर्मी को देखते हुए जयपुर मुख्यालय से वन्यजीवों के लिए पानी का बजट जारी किया है। इसके लिए जून तक सभी वन्यजीवों के लिए आस-पास की तलाई आदि जगहों पर पानी भरा जाएगा।
रामनिवास कुमावत, उप वन संरक्षक (वन्यजीव), बीकानेर
मुख्य अभियंता ने महानंद तालाब के काम को सराहा

बीकानेर. राजस्थान पत्रिका के अमृतम्-जलम् अभियान के तहत महानंद शिव मंदिर स्थित एेतिहासिक तालाब के पुनर्निर्माण के काम को राजस्थान सरकार में मुख्य अभियंता स्पेशल स्कीम आरसी पुरोहित ने निरीक्षण किया। इन्होंने पत्रिका के अभियान के तहत करवाए गए इस काम की सराहना की। महानंद ट्रस्ट के साथ यह कार्य पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता सूर्य नारायण स्वामी की देख-रेख में चल रहा है।
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता बसंत कुमार आचार्य निरीक्षण में मुख्य अभियंता के साथ थे। मुख्य अभियंता जयपुर से बीकानेर विधायक, सांसद कोटा , प्लड या अन्य योजना के कामों का निरीक्षण करने आए हैं। इस बारे में राजस्थान कृषि विवि के कुलपति प्रो. बीआर छींपा की देखरेख में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि तालाब के तल में ईंटों का ब्लाक बनाया जाए। एक ब्लाक खाली एक ब्लाक ईंट से इस तरह के संरचना बनेगी जिससे पानी जमीन में नहीं जाएगा। निरीक्षण के दौरान महानंद ट्रस्ट के राम नारायण आचार्य, आनन्द व्यास आदि लोग शामिल थे।

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