शिशु अस्पताल, नया जनाना अस्पताल, एएनसी, नए ओपीडी में इंटरकॉम सेवा नहीं है। इस बारे में विभागों के कर्मचारी-अधिकारी अनेक बार पीबीएम अस्पताल प्रशासन से लिखित-मौखिक इंटरकॉम सुविधा शुरू कराने की गुहार लगा चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। सूत्रों के अनुसार नए ओपीडी, एएनसी, नया जनाना अस्पताल तो हाल ही विकसित हुए है।
इनको इंटरकॉम से जोडऩे के लिए काफी मोटा बजट खर्च होगा, लेकिन शिशु अस्पताल तो पूर्व में जुड़ा हुआ था। शिशु अस्पताल के सभी वार्डों में इंटरकॉम सुविधा थी, लेकिन दो-ढाई साल से इस सुविधा से महरूम है।
आपसी खींचतान से बिगड़ रही व्यवस्था
शिशु अस्पताल में सभी वार्डों को पीबीएम के पीबीएक्स (इंटरकॉम) से जोडऩे के लिए एस्टीमेंट तैयार किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक करीब सवा लाख रुपए का खर्चा है। इसके प्रस्ताव पारित हो चुके हैं, लेकिन आपसी तालमेल नहीं होने से यह काम अटका हुआ है।
शिशु अस्पताल में सभी वार्डों को पीबीएम के पीबीएक्स (इंटरकॉम) से जोडऩे के लिए एस्टीमेंट तैयार किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक करीब सवा लाख रुपए का खर्चा है। इसके प्रस्ताव पारित हो चुके हैं, लेकिन आपसी तालमेल नहीं होने से यह काम अटका हुआ है।
यहां दो माह से ठप
विगत दो माह से पीबीएम से सम्बद्ध हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वेस्क्युलर एंड रिसर्च सेंटर में भी कनेक्टिविटी नहीं है। जुलाई में आई तेज बारिश से हार्ट हॉस्पिटल में पानी भर गया था। इसके बाद यहां से कनेक्टिविटी हटा दी गई। इसके बाद से हॉर्ट हॉस्पीटल के पीबीएम से पीबीएक्स का संपर्क नहीं है।
विगत दो माह से पीबीएम से सम्बद्ध हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वेस्क्युलर एंड रिसर्च सेंटर में भी कनेक्टिविटी नहीं है। जुलाई में आई तेज बारिश से हार्ट हॉस्पिटल में पानी भर गया था। इसके बाद यहां से कनेक्टिविटी हटा दी गई। इसके बाद से हॉर्ट हॉस्पीटल के पीबीएम से पीबीएक्स का संपर्क नहीं है।
शीघ्र शुरू करेंगे इंटरकॉम सुविधा
शिशु अस्पताल में इंटरकॉम की फिलहाल सुविधा नहीं है। यहां इंटरकॉम की सुविधा के लिए एस्टीमेंट बना लिया है। एक सप्ताह के भीतर शिशु अस्पताल के सभी वार्ड पीबीएम के पीबीएक्स से कनेक्ट हो जाएंगे।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक पीबीएम
शिशु अस्पताल में इंटरकॉम की फिलहाल सुविधा नहीं है। यहां इंटरकॉम की सुविधा के लिए एस्टीमेंट बना लिया है। एक सप्ताह के भीतर शिशु अस्पताल के सभी वार्ड पीबीएम के पीबीएक्स से कनेक्ट हो जाएंगे।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक पीबीएम