हालत यह है कि रात को मेडिसिन आइसीयू में पीना तो दूर, हाथ धोने के लिए भी पानी नहीं होता है। मेडिसिन आइसीयू में १५ बेड हैं, जो सभी फुल है। एक मरीज के साथ एक अटेंडेंट हर समय मौजूद रहता है। इसके अलावा आठ कर्मियों का स्टाफ दिन में और इतना ही रात में रहता है। चिकित्सकों के राउंड के दौरान दिनभर में २० चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी आते रहते हैं। आईसीयू में पानी की दो टंकियां हैं, जो पर्याप्त नहीं है। चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ एवं मरीज-परिजनों को वॉशरूम, हाथ धोने व फ्रेश होने के लिए पानी की जरूरत होती है। इन दिनों मेडिसिन आइसीयू में केवल सुबह ही पेयजल सप्लाई हो रहा है। जो रात आठ बजे खत्म हो जाता है। जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है।
कहां डाल रहे पानी के टैंकर पीबीएम अस्पताल प्रशासन पेयजल किल्लत दूर करने के लिए टैंकरों से पानी डलवाने के दावे करता है, जबकि हकीकत में टैंकर कहां डलवाए जा रहे हैं, कोई पता नहीं। पिछले दिनों यूजी हॉस्टल में पेयजल किल्लत को लेकर मेडिकल छात्राएं कॉलेज प्रशासन से मिली थी। इएनटी अस्पताल में पेयजल किल्लत है। ऐसे में पानी के टैंकर कहां जा रहे है।
शौचालय तक में नहीं होता पानी
मेरी मौसी भर्ती है। रात को शौचालयों में पानी ही नहीं होता है। बाहर से आइसीयू में पानी लाने नहीं देते है, जिससे परेशानी होती है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि आइसीयू जैसी जगह पर पानी की पूरी व्यवस्थ रखे।
शारदा, मरीज की परिजन
मेरी मौसी भर्ती है। रात को शौचालयों में पानी ही नहीं होता है। बाहर से आइसीयू में पानी लाने नहीं देते है, जिससे परेशानी होती है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि आइसीयू जैसी जगह पर पानी की पूरी व्यवस्थ रखे।
शारदा, मरीज की परिजन
एक्सइएन को लिखा
पीबीएम में पेयजल सप्लाई पर्याप्त नहीं हो रही है। इसके लिए जलदाय विभाग के एक्सइएन को लिखा गया है। भामाशाह के सहयोग के ज्यादा जरूरत होती वहां पानी टैंकरों से डलवा रहे हैं।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक, पीबीएम अस्पताल
पीबीएम में पेयजल सप्लाई पर्याप्त नहीं हो रही है। इसके लिए जलदाय विभाग के एक्सइएन को लिखा गया है। भामाशाह के सहयोग के ज्यादा जरूरत होती वहां पानी टैंकरों से डलवा रहे हैं।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक, पीबीएम अस्पताल
एक समय सप्लाई
आम दिन में दो समय पेयजल सप्लाई होता है। इन दिनों एक समय ही सप्लाई हो रहा है, जिससे किल्लत बनी हुई है। पूर्व में भामाशाह से पानी के टैंकर डलवाए जा रहे थे। १२ मई के बाद से वे भी अब नहीं डलवा रहे हैं।
संजय तिवाड़ी, इंचार्ज, इएमडी
आम दिन में दो समय पेयजल सप्लाई होता है। इन दिनों एक समय ही सप्लाई हो रहा है, जिससे किल्लत बनी हुई है। पूर्व में भामाशाह से पानी के टैंकर डलवाए जा रहे थे। १२ मई के बाद से वे भी अब नहीं डलवा रहे हैं।
संजय तिवाड़ी, इंचार्ज, इएमडी