बीकानेर. नोटबंदी 2.0 यानी दो हजार रुपए के नोटों को बदलवाने को लेकर की गई घोषणा का पहला दिन शांति से बीता। कहीं पर भी सात साल पहले यानी 2016 का नजारा नहीं दिखा। हालांकि, गफलत, असमंजस और विरोधाभासों का नजारा जरूर दिखा। आलम यह रहा कि कई जगह बैंकों में कामकाज के शुरुआती घंटों में आमतौर पर कागजात या फार्म आदि की कोई मांग नहीं की गई। इक्का-दुक्का जो लोग दो हजार के नोट लेकर आए, उन्हें घोषणानुसार एक बार में दस तक की संख्या में दो हजार रुपए के नोट लेकर उन्हें चलन में मौजूद दूसरे मूल्य के नोट दिए गए। हालांकि, जैसे-जैसे दिन बीता बैंकों ने ब्लैकमनी की रोकथाम के लिए दस्तावेजों और फार्म आदि प्रस्तुत कर ग्राहकों और आम लोगों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया। कई जगह इस स्थिति को लेकर वाद-विवाद की भी स्थिति पैदा हुई। एक अनुमान के मुताबिक, बीकानेर में करीब 10 करोड़ मूल्य के दो हजार के नोट मंगलवार को बैंकों में आए। जानकारी के मुताबिक, एसबीआई की बीकानेर अंचल में 42 शाखाएं हैं। इन सभी में नोट बदलने एवं जमा कराने का काम मंगलवार को सहूलियत से चला। भीड़ अधिक नहीं होने के कारण कोई मारामारी भी नहीं दिखी। हालांकि, कुछ बैंकों में नोट जमा कराने के दौरान फॉर्म भरने तथा एक पहचान पत्र की मांग करने पर जरूर गतिरोध रहा।
बीकानेर. नोटबंदी 2.0 यानी दो हजार रुपए के नोटों को बदलवाने को लेकर की गई घोषणा का पहला दिन शांति से बीता। कहीं पर भी सात साल पहले यानी 2016 का नजारा नहीं दिखा। हालांकि, गफलत, असमंजस और विरोधाभासों का नजारा जरूर दिखा। आलम यह रहा कि कई जगह बैंकों में कामकाज के शुरुआती घंटों में आमतौर पर कागजात या फार्म आदि की कोई मांग नहीं की गई। इक्का-दुक्का जो लोग दो हजार के नोट लेकर आए, उन्हें घोषणानुसार एक बार में दस तक की संख्या में दो हजार रुपए के नोट लेकर उन्हें चलन में मौजूद दूसरे मूल्य के नोट दिए गए। हालांकि, जैसे-जैसे दिन बीता बैंकों ने ब्लैकमनी की रोकथाम के लिए दस्तावेजों और फार्म आदि प्रस्तुत कर ग्राहकों और आम लोगों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया। कई जगह इस स्थिति को लेकर वाद-विवाद की भी स्थिति पैदा हुई। एक अनुमान के मुताबिक, बीकानेर में करीब 10 करोड़ मूल्य के दो हजार के नोट मंगलवार को बैंकों में आए। जानकारी के मुताबिक, एसबीआई की बीकानेर अंचल में 42 शाखाएं हैं। इन सभी में नोट बदलने एवं जमा कराने का काम मंगलवार को सहूलियत से चला। भीड़ अधिक नहीं होने के कारण कोई मारामारी भी नहीं दिखी। हालांकि, कुछ बैंकों में नोट जमा कराने के दौरान फॉर्म भरने तथा एक पहचान पत्र की मांग करने पर जरूर गतिरोध रहा।