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यह क्या राजस्थान के इतने हजार विद्यालयों में नहीं है खेल मैदान तो फिर कैसे…

locationबीकानेरPublished: Jan 20, 2020 12:16:59 pm

Submitted by:

Ramesh Bissa

rajasthan news-यह क्या राजस्थान के इतने हजार विद्यालयों में नहीं है खेल मैदान तो फिर कैसे…

play ground in rajasthan

यह क्या राजस्थान के इतने हजार विद्यालयों में नहीं है खेल मैदान तो फिर कैसे…

रमेश बिस्सा

बीकानेर. पढ़ाई के साथ ही खेल जरूरी है। इस तथ्य को धरातल पर साकार करना अब भी दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात शिक्षा के साथ ही सियासत स्तर पर भी उठती है, लेकिन असल में स्कूली स्तर पर खेलों में दमखम दिखाने के पर्याप्त अवसर होनहारों को नहीं मिल रहे है।
इसकी वजह प्रदेश में आज
भी हजारों स्कूल एेसे है, जहां
कहीं पर खेल मैदान का अभाव
है तो कहीं पर शारीरिक शिक्षकों
के पद रिक्त है। शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार प्रदेश में आज भी १७ हजार
467 स्कूल एसी है जिनमें खेल मैदान नहीं है। प्रदेश में 962 एेसे स्कूल भी है जिनमें फिलहाल मैदान तैयार करने की कोई संभावनाएं ही नहीं है।
पीटीआइ के 23
हजार पद स्वीकृत
प्रदेश में शारीरिक शिक्षकों के 23074पद स्वीकृत हैं। इनमें सैकड़ों पद रिक्त है। इनमें से पिछले
दिनों हुई भर्ती को छोड़ दें तो
१६ हजार २१६ पीटीआई कार्यरत
है। वहीं ६ हजार ८५८ पद रिक्त पड़े है। इसमें प्राथमिक, सैकंड ग्रेड व थर्ड गे्रड के शारीरिक शिक्षक शामिल है।
ये स्कूल अपडेट
प्रदेश में कुल 63 हजार 163 स्कूल है। इसमें माध्यमिक की 14 हजार 325 है। वहीं प्राथमिक की 84 हजार838 स्कूल है। शाला दर्पण पर सैकंडरी की 14 हजार 158 स्कूलों ने अपनी भवन, खेल मैदान आदि की सूचनाएं अपडेट कर रखी है। एलीमेन्ट्री की48 हजार 838 स्कूलों में ४६ हजार 134 स्कूल ने अपनी सूचनाएं अपडेट की है।
सरकार को कराएंगे अवगत
&जिन स्कूलों में खेल मैदान नहीं है, उनके लिए सरकार को अवगत कराएंगे। जिला प्रशासन के माध्यम से मैदान आरक्षित करवाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा स्कूल में मैदान तैयार हो सके।
-हिमांशु गुप्ता,
निदेशक, मा.शिक्षा
प्रदेश के १७ हजार विद्यालयों में खेल मैदान नहीं, कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी

रमेश बिस्सा

बीकानेर. पढ़ाई के साथ ही खेल जरूरी है। इस तथ्य को धरातल पर साकार करना अब भी दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात शिक्षा के साथ ही सियासत स्तर पर भी उठती है, लेकिन असल में स्कूली स्तर पर खेलों में दमखम दिखाने के पर्याप्त अवसर होनहारों को नहीं मिल रहे है।
इसकी वजह प्रदेश में आज
भी हजारों स्कूल एेसे है, जहां
कहीं पर खेल मैदान का अभाव
है तो कहीं पर शारीरिक शिक्षकों
के पद रिक्त है। शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार प्रदेश में आज भी १७ हजार
४६७ स्कूल एेसी है जिनमें खेल मैदान नहीं है। प्रदेश में ९६२ एेसे स्कूल भी है जिनमें फिलहाल मैदान तैयार करने की कोई संभावनाएं ही नहीं है।
पीटीआइ के २३
हजार पद स्वीकृत
प्रदेश में शारीरिक शिक्षकों के २३०७४ पद स्वीकृत हैं। इनमें सैकड़ों पद रिक्त है। इनमें से पिछले
दिनों हुई भर्ती को छोड़ दें तो
१६ हजार २१६ पीटीआई कार्यरत
है। वहीं ६ हजार ८५८ पद रिक्त पड़े है। इसमें प्राथमिक, सैकंड ग्रेड व थर्ड गे्रड के शारीरिक शिक्षक शामिल है।
ये स्कूल अपडेट
प्रदेश में कुल ६३ हजार १६३ स्कूल है। इसमें माध्यमिक की १४ हजार ३२५ है। वहीं प्राथमिक की ४८ हजार ८३८ स्कूल है। शाला दर्पण पर सैकंडरी की १४ हजार १५८ स्कूलों ने अपनी भवन, खेल मैदान आदि की सूचनाएं अपडेट कर रखी है। एलीमेन्ट्री की ४८ हजार ८३८ स्कूलों में ४६ हजार १३४ स्कूल ने अपनी सूचनाएं अपडेट की है।
सरकार को कराएंगे अवगत
&जिन स्कूलों में खेल मैदान नहीं है, उनके लिए सरकार को अवगत कराएंगे। जिला प्रशासन के माध्यम से मैदान आरक्षित करवाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा स्कूल में मैदान तैयार हो सके।
-हिमांशु गुप्ता,
निदेशक, मा.शिक्षा
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