दिन के समय भले ही बुलेट के साइलेंसर से निकलने वाली पटाखों की आवाज कम सुनाई दे लेकिन रात के समय शहर की विभिन्न सड़कों पर पटाखों की आवाजें दूर-दूर तक सुनाई पड़ती है। खास बात तो यह है कि रात के समय बेशक यह आवाज लोगों को परेशान करती हो लेकिन पुलिस को सुनाई नहीं पड़ती।
हैरानी की बात तो यह है कि शहर में दिनभर बुलेट बाइक सड़कों पर दौड़ती रहती है। शहर में ट्रेफिक प्वाइंटों पर यातायात पुलिसकर्मी तैनात हैं। इससे भी बड़ी विडम्बना है कि कलक्ट्रेट के सामने पुलिस अधिकारियों के ऑफिस है, जहां हर समय पुलिस के अधिकारी मौजूद रहते हैं लेकिन उन्हें बुलेट की आवाज सुनाई नहीं पड़ती। जूनागढ़ के सामने, जेएनवीसी कॉलोनी, मुक्ताप्रसाद कॉलोनी, रामपुरा मैन बाजार, नई गजनेर रोड, गंगाशहर रोड आदि क्षेत्रों में जहां पर रात के समय शरारती युवाओं का हौसला और भी बुलंद हो जाता है। करीब रात दस बजे तक इसी प्रकार से बाइकों की आवाज आती रहती है।
बंदूक की गोली के समान निकलती है आवाज बुलेट बाइक से निकलने वाली आवाज हूबहू किसी बंदूक से निकलने वाली आवाज के समान है, जिसके चलते लोग काफी भ्रमित होते रहते है। बुलेट बाइक तो मानक पूरे करती है लेकिन कई युवक अपनी बुलेट के साइलेंसर में एक डिवाइस लगवाते हैं, जिससे चलती बुलेट के साइलेंसर से बंदूक की गोली जैसी आवाज चिंगारी के साथ निकलती है।
हर बुलेट बाइक की हो जांच : समय-समय पर कार्रवाई करने का यातायात पुलिस का दावा है वहीं इसके बावजूद भी पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। ऐसे में अगर पुलिस हर बुलेट बाइक की जांच करे तो इस समस्या का निवारण हो सकता है। विदित रहे कि यातायात पुलिस ने पिछले दो माह में पटाखे फोडऩे वाली करीब १७ बुलेट बाइकों के चालान किए हैं, जिनमें से दो को सीज किया गया।
और सख्ती की जाएगी
&बुलेट बाइक से पटाखे जैसी आवाज निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। हर महीने ऐसी बाइक के चालान किए जाते हैं। साथ ही मौके पर ही बाइक के साइलेंसर को हटवाया जाता है। इस पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए अब और सख्ती बरतेंगे।
– प्रदीपसिंह चारण, यातायात प्रभारी