शहर की एक कॉलोनी निवासी परमेश्वर अपनी पत्नी अनुराधा (पति-पत्नी का नाम पता बदला गया) के साथ भुट्टों का चौराहा स्थित खण्डेलवाल मिष्ठान भंडार पर आइसक्रीम लेने गए। परमेश्वर साइकिल पर था और अनुराधा स्कूटी लेकर गई थी। साइकिल के लॉक नहीं होने पर परमेश्वर साइकिल के पास खड़ा हो गया। तभी वहां एक कार आई जिसमें से दो व्यक्ति उतरे और परमेश्वर को दबोच लिया। उसे जबरन गाड़ी में डालने लगे। अनुराधा अपने पति के साथ धक्का-मुक्की होते देख दौड़ कर बाहर आई और बीच-बचाव करने लगी। पीडि़तों का आरोप है कि कार सवार एक व्यक्ति ने रिवॉल्वर निकाल कर तान दी, जिससे वहां दहशत का माहौल बन गया।
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माजरा क्या है…
पीडि़त परमेश्वर ने बताया कि शाम करीब साढ़े आठ बजे की घटना है। वह दुकान से आइसक्रीम लेने गया था लेकिन अचानक हुए घटनाक्रम से कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर माजरा क्या है। एक व्यक्ति रिवॉल्वर ताने खड़ा था। एक बार तो लगा कि परमेश्वर आज तेरा खेल खत्म लेकिन कुछ ही देर बाद एक अन्य कार आई, जिसमें सवार एक व्यक्ति ने कहा, यह आदमी गलत है। इतना सुनते ही उक्त व्यक्ति ने हाथ छोड़ा और रिवॉल्वर भी हटा ली। कार सवार वहां से भाग छूटे। तब जान में जान आई।
पीडि़त परमेश्वर ने बताया कि शाम करीब साढ़े आठ बजे की घटना है। वह दुकान से आइसक्रीम लेने गया था लेकिन अचानक हुए घटनाक्रम से कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर माजरा क्या है। एक व्यक्ति रिवॉल्वर ताने खड़ा था। एक बार तो लगा कि परमेश्वर आज तेरा खेल खत्म लेकिन कुछ ही देर बाद एक अन्य कार आई, जिसमें सवार एक व्यक्ति ने कहा, यह आदमी गलत है। इतना सुनते ही उक्त व्यक्ति ने हाथ छोड़ा और रिवॉल्वर भी हटा ली। कार सवार वहां से भाग छूटे। तब जान में जान आई।
पुलिस कंट्रोल दी सूचना
उक्त दोनों कार के जाने के बाद पीडि़त की पत्नी अनुराधा ने पुलिस कंट्रोल रूम सूचना दी। पु्लिस की दो गाडिय़ां वहां पहुंची और पीडि़तों को थाने ले गई। थाने में जाने के बाद पता चला कि कार में आने वाले व्यक्ति कोई और नहीं पुलिसकर्मी थे। रिवॉल्वर तानने वाला पुलिस की डीएसटी में तैनात कांस्टेबल बताया गया।
उक्त दोनों कार के जाने के बाद पीडि़त की पत्नी अनुराधा ने पुलिस कंट्रोल रूम सूचना दी। पु्लिस की दो गाडिय़ां वहां पहुंची और पीडि़तों को थाने ले गई। थाने में जाने के बाद पता चला कि कार में आने वाले व्यक्ति कोई और नहीं पुलिसकर्मी थे। रिवॉल्वर तानने वाला पुलिस की डीएसटी में तैनात कांस्टेबल बताया गया।
पुलिस मामला दबाने में लगी, नहीं की एफआईआर
पीडि़तों की माने तो सदर थाने में जाने पर एक अन्य कार में सवार व्यक्ति जिसने कहा कि यह वह आदमी नहीं है, जिसे पकडऩा था, वह वहां मौजूद था, जिसका नाम वासुदेव बताया। वासुदेव ने मदद की और रिवॉल्वर तानने वाले पुलिसकर्मी की तरफ से माफी भी मांगी। पीडि़त पक्ष ने रिवॉल्वर तानने वाले पुलिसकर्मी को थाने बुलाने की बात की लेकिन उसे नहीं बुलाया गया। पीडि़त पक्ष ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही लेकिन पुलिस यह मामला दबाने में लगी रही। घटनाक्रम का पता चलने पर पूर्व भाजपा नेता सत्यप्रकाश आचार्य एवं कई लोग थाने पहुंचे। वहीं शुक्रवार को पीडि़त बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक प्रफुल्ल कुमार से मिले और उन्हें आपबीती बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के कार्रवाई करने की गुहार लगाई।
पीडि़तों की माने तो सदर थाने में जाने पर एक अन्य कार में सवार व्यक्ति जिसने कहा कि यह वह आदमी नहीं है, जिसे पकडऩा था, वह वहां मौजूद था, जिसका नाम वासुदेव बताया। वासुदेव ने मदद की और रिवॉल्वर तानने वाले पुलिसकर्मी की तरफ से माफी भी मांगी। पीडि़त पक्ष ने रिवॉल्वर तानने वाले पुलिसकर्मी को थाने बुलाने की बात की लेकिन उसे नहीं बुलाया गया। पीडि़त पक्ष ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही लेकिन पुलिस यह मामला दबाने में लगी रही। घटनाक्रम का पता चलने पर पूर्व भाजपा नेता सत्यप्रकाश आचार्य एवं कई लोग थाने पहुंचे। वहीं शुक्रवार को पीडि़त बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक प्रफुल्ल कुमार से मिले और उन्हें आपबीती बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के कार्रवाई करने की गुहार लगाई।
तीन महीने पहले भी हुआ कुछ ऐसा करीब तीन-साढ़े तीन महीने पहले भी शहर में एक ऐसी घटना देखने को मिली। हुआ यूं कि सिविल कार और सिविल वर्दी में पुलिस पूगल रोड़ ओवरब्रिज के पास से एक युवक को जबरन गाड़ी में डाल कर ले गए। स्थानीय लोगों को युवक के अपहरण की आशंका के चलते पुलिस कंट्रोल सूचना कर दी। इलाका बीछवाल थाने का होने के कारण बीछवाल पुलिस मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल की तो पता चला युवक का अपहरण नहीं हुआ है। शहर के एक थाने की पुलिस किसी मामले में पूछताछ के लिए ले गई है।
मिठाई लेने गए युवक से की थी पिटाई
करीब एक साल पहले सदर पुलिस के ही एक अधिकारी ने सीए सुधीश शर्मा के बेटे के साथ मारपीट की थी। युवक यहां मिठाई लेने गया। तभी पुलिस की गाड़ी आई और कार में बैठे युवक से उलझ गई। एक पुलिस अधिकारी ने युवक के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। हालांकि बाद में यह मामला सुलट गया था।
करीब एक साल पहले सदर पुलिस के ही एक अधिकारी ने सीए सुधीश शर्मा के बेटे के साथ मारपीट की थी। युवक यहां मिठाई लेने गया। तभी पुलिस की गाड़ी आई और कार में बैठे युवक से उलझ गई। एक पुलिस अधिकारी ने युवक के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। हालांकि बाद में यह मामला सुलट गया था।
आमजन के साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार चिंताजनक
पुलिस को पूरी तस्दीक करने के बाद किसी को पकडऩा चाहिए। पुलिस ही बदमाशों की तरह सरेआम रिवॉल्वर निकाल कर डर का माहौल पैदा कर रही है तो गलत है। ऐसी घटनाओं से आमजन में पुलिस की छवि खराब होगी। पुलिस जवानों को सद्व्र्यवहार का पाठ पढ़ाना चाहिए।
हरिराम गहलोत, सेवानिवृत्त आरपीएस
पुलिस को पूरी तस्दीक करने के बाद किसी को पकडऩा चाहिए। पुलिस ही बदमाशों की तरह सरेआम रिवॉल्वर निकाल कर डर का माहौल पैदा कर रही है तो गलत है। ऐसी घटनाओं से आमजन में पुलिस की छवि खराब होगी। पुलिस जवानों को सद्व्र्यवहार का पाठ पढ़ाना चाहिए।
हरिराम गहलोत, सेवानिवृत्त आरपीएस
आरोप निराधार
अलवर से एक युवक के लापता होने की सूचना मिली थी। युवक की लोकेशन गजनेर रोड़ आई थी। डीएसटी के जवान सिविलवर्दी में वहां पहुंचे। तस्दीक करने पर पुलिस जवान व युवक के बीच हॉट-टॉक हुई थी। पुसिल के पास हथियार तो होता ही है। युवक पर रिवॉल्वर तानने जैसी कोई बात नहीं। यह आरोप निराधार हैं।
सत्यनारायण गोदारा, सीआई सदर थाना
अलवर से एक युवक के लापता होने की सूचना मिली थी। युवक की लोकेशन गजनेर रोड़ आई थी। डीएसटी के जवान सिविलवर्दी में वहां पहुंचे। तस्दीक करने पर पुलिस जवान व युवक के बीच हॉट-टॉक हुई थी। पुसिल के पास हथियार तो होता ही है। युवक पर रिवॉल्वर तानने जैसी कोई बात नहीं। यह आरोप निराधार हैं।
सत्यनारायण गोदारा, सीआई सदर थाना