दो तरह से लेंगे नमूने
एसपी मेडिकल कॉलेज प्रदूषण के शुगर मरीजों पर पडऩे वाले असर की जांच करेगा। इसके लिए दो तरह से नमूने लिए जाएंगे। कम प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर डाटा जुटाए जाएंगे। दूसरे सर्वे में अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शामिल कर उनके स्वास्थ्य के डाटा लिए जाएंगे।
प्रदूषण के खतरे को भांपते हुए मानव जीवन पर पडऩे वाले असर की पहले भी रिसर्च हुई है। जयपुर में प्रदूषण का हृदय पर असर का पता लगाने के लिए हुई रिसर्च में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। दमा की बीमारी में प्रदूषण की भूमिका पर बीकानेर, जयपुर, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर रिसर्च हो चुकी है। अब पहली बार एसपी मेडकल कॉलेज प्रदूषण का शुगर के मरीजों में असर पर रिसर्च करेगा।
चौंकाता है प्रतिशत
एसपी मेडिकल कॉलेज के मुताबिक गांवों की जनसंख्या का 5.8 प्रतिशत और शहरों में 8 प्रतिशत लोग शुगर से पीडि़त हैं। यह औसत 40 और इससे अधिक उम्र के लोगों का है। बच्चों में औसतन ग्रामीण में तीन और शहरों में पांच प्रतिशत शुगर पीडि़त हैं। पीबीएम अस्पताल से संबंद्ध डायबिटिक केयर एंड रिसर्च सेंटर में शुगर पीडि़त पांच हजार बच्चे रजिस्टर्ड हैं। पीबीएम में 40 से अधिक उम्र के करीब 37 हजार 800 से अधिक लोग पंजीकृत हैं।
मार्च में शुरू होगा काम
&खान-पान के साथ प्रदूषण भी शुगर को बढ़ाता है। यह कई मामलों में प्रमाणित हो चुका है। एसपी मेडिकल कॉलेज शुगर लेवल को प्रदूषण कितना प्रभावित करता है, इस पर रिसर्च करेगा। इसके लिए शहर में छह स्थानों का चयन किया गया है। इनमें तीन अत्यधिक प्रदूषित और तीन कम प्रदूषण वाले स्थानों में रहने वाले लोगों को शामिल किया जाएगा। मार्च में यह काम शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ. आरपी अग्रवाल, प्राचार्य, एसपी मेडिकल कॉलेज