किसानों को खजूर में उपयुक्त नर के परागकण लेकर नियमित रूप से परागण करना चाहिए। वहीं इस समय तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण अनार की फसल पर एफिड कीट का प्रमोप ज्यादा हो रहा है। यह कीट पत्तियां, फूलों से रस चूसता है, इसके कारण पत्तियों पर शहद जैसा पदार्थ दिखाई देता है, इससे पौधों की बढ़वार कम हो जाती है। इसका नियंत्रण जरूरी है। ऐसे में काश्तकार ईमिडाक्लोप्रिड (17.8 एम.एल.) का ०.४ से ०.५
मिली लीटर पानी के हिसाब से साफ मौसम होने पर छिड़काव करें। इसके साथ ही मरुस्थलीय क्षेत्र में इन दिनों काचरी, काकडिय़ा, तरबूज़, खरबूजा, तरककडी, तोरई, लौंकी आदि की खेती अधिक की जा रही है। इन फसलों में मौसम में बदलाव के कारण मोज़ेक रोग आने की आशंका बढ़ गई है। इस रोग से प्रभावित होने पर पौधों की पत्तियां छोटी एवं बढ़वार कम हो जाती है। इसके नियंत्रण के लिए ईमिडाक्लोप्रिड का पानी के हिसाब से छिड़काव करें। इसके अलावा कई तरह की सब्जियों के फसल का ख्याल रखने के सुझाव दिए गए है।
प्रधानमंत्री केयर्स फंड में दिए ३ लाख रुपए
बीकानेर. बीछवाल स्थित भाकृअनुप.केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान ने कोरोना से लडऩे के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केयर्स फंड में ३ लाख रुपए का योगदान दिया है। संस्थान के निदेशक प्रो.पी. एल.सरोज ने बताया कि इस फंड में संस्थान के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन दिया है। इस बाबत एकत्रित कुल राशि को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से भेजा गया है। इसमें संस्थान के गुजरात के गोधरा स्थित उपकेन्द्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के योगदान को भी शामिल किया गया है।