मुनाफे का लालच, जोखिम उठा रहे ज्यादा
अफीम की खेती कर अधिक मुनाफा कमाने के लालच में तस्कर जोखिम ज्यादा उठा रहे हैं। बताते हैं कि अफीम की खेती में लागत कम आती है। फसल पूरी तैयार होने के बाद बेचने पर मुनाफा अधिक मिलता है। जानकारी के मुताबिक अफीम के एक पौधे से करीब १५-२० ग्राम दूध प्राप्त होता है। अफीम के पौधों से अफीम, अफीम का दूध और तने व पत्तों से डोडा-पोस्त बनता है। यह बाजार में बेहद महंगे दामों पर बिकता है। इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती लेकिन जोखिम ज्यादा होता है। इसकी खेती प्रतिबंधित है। खेती करने के लिए लाइसेंस लेना होता है। अफीम की खेती चितौउग़ढ़ क्षेत्र में अधिक होती है।
अफीम की खेती कर अधिक मुनाफा कमाने के लालच में तस्कर जोखिम ज्यादा उठा रहे हैं। बताते हैं कि अफीम की खेती में लागत कम आती है। फसल पूरी तैयार होने के बाद बेचने पर मुनाफा अधिक मिलता है। जानकारी के मुताबिक अफीम के एक पौधे से करीब १५-२० ग्राम दूध प्राप्त होता है। अफीम के पौधों से अफीम, अफीम का दूध और तने व पत्तों से डोडा-पोस्त बनता है। यह बाजार में बेहद महंगे दामों पर बिकता है। इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती लेकिन जोखिम ज्यादा होता है। इसकी खेती प्रतिबंधित है। खेती करने के लिए लाइसेंस लेना होता है। अफीम की खेती चितौउग़ढ़ क्षेत्र में अधिक होती है।
यह थी टीम
डीएसटी प्रभारी पुलिस निरीक्षक रमेश सर्वटा, पांचू थानाधिकारी जसबीर कुमार, देशनोक थानाधिकारी अनोपसिंह, कांस्टेबल धारासिंह, बिट्टू, गुरुसेवक आदि शामिल थे।
डीएसटी प्रभारी पुलिस निरीक्षक रमेश सर्वटा, पांचू थानाधिकारी जसबीर कुमार, देशनोक थानाधिकारी अनोपसिंह, कांस्टेबल धारासिंह, बिट्टू, गुरुसेवक आदि शामिल थे।