scriptतस्करी और पुलिस से बचने के लिए खेत में ही उगा ली अफीम | Poppy grown in the field to avoid smuggling and police | Patrika News

तस्करी और पुलिस से बचने के लिए खेत में ही उगा ली अफीम

locationबीकानेरPublished: Feb 18, 2020 11:04:56 am

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

खेत से अफीम के 770 पौधे जब्त, आरोपी फरार

तस्करी और पुलिस से बचने के लिए खेत में ही उगा ली अफीम

तस्करी और पुलिस से बचने के लिए खेत में ही उगा ली अफीम

पांचू, देशनोक व डीएसटी टीम की कार्रवाई
बीकानेर/पांचू। डोडा-पोस्त व अफीम की तस्करी के जोखिम एवं पुलिस के झंझट से बचने के लिए अब तस्करों ने नया तरीका खोज निकाला है। तस्कर खेतों में ही अफीम की बुवाई करने लगे हैं। सोमवार को जिला पुलिस ने पांचू थाना क्षेत्र के जांगलू में एक खेत में अफीम की खेती पकड़ी है। पुलिस ने खेत से ७७० अफीम के पौधे जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई जिले की देशनोक, पांचू थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम (डीएसअी) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुुए अफीम की खेती पकड़ी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सुनील कुमार ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली की जांगलू निवासी तुलसीराम पुत्र मोहनराम बिश्नोई ने अपने खेत में अफीम की बुवाई कर रखी है। इस पर डीएसटी, पांचू व देशनोक टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सोमवार दोपहर में खेत में दबिश दी। पुलिस टीम ने खेत में करीब दो बीघा में उगा रखे अफीम के ७७० पौधों को उखाड़कर जब्त किया। मौके पर आरोपी तुलसीराम नहीं मिला। पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
जिले में पहली खेती
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिले में डोडा-पोस्त, शराब व अफीम तस्करी करने वाले पकड़े जाते है और माल भी बरामद होता है लेकिन अफीम की खेती पकडऩे की कार्रवाई पहली बार की गई है। एसएचओ पांचू जसबीर कुमार ने बताया कि आरोपी तुलसीराम ने अपने खेत में जीरे की फसल की बुवाई कर रखी है। जीरे की फसल के बीच-बीच में अफीम के पौधे लगा रखे थे।
मुनाफे का लालच, जोखिम उठा रहे ज्यादा
अफीम की खेती कर अधिक मुनाफा कमाने के लालच में तस्कर जोखिम ज्यादा उठा रहे हैं। बताते हैं कि अफीम की खेती में लागत कम आती है। फसल पूरी तैयार होने के बाद बेचने पर मुनाफा अधिक मिलता है। जानकारी के मुताबिक अफीम के एक पौधे से करीब १५-२० ग्राम दूध प्राप्त होता है। अफीम के पौधों से अफीम, अफीम का दूध और तने व पत्तों से डोडा-पोस्त बनता है। यह बाजार में बेहद महंगे दामों पर बिकता है। इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती लेकिन जोखिम ज्यादा होता है। इसकी खेती प्रतिबंधित है। खेती करने के लिए लाइसेंस लेना होता है। अफीम की खेती चितौउग़ढ़ क्षेत्र में अधिक होती है।
यह थी टीम
डीएसटी प्रभारी पुलिस निरीक्षक रमेश सर्वटा, पांचू थानाधिकारी जसबीर कुमार, देशनोक थानाधिकारी अनोपसिंह, कांस्टेबल धारासिंह, बिट्टू, गुरुसेवक आदि शामिल थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो