बीकानेर

प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 में से 6 मकान ही बनकर हो सके तैयार

केंद्र सरकार एक ओर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को सन् २०२२ तक खुद के घर का सपना दिखा रही है। वहीं दूसरी ओर इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

बीकानेरSep 17, 2018 / 10:03 am

dinesh kumar swami

Prime minister housing scheme

नोखा. केंद्र सरकार एक ओर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को सन् २०२२ तक खुद के घर का सपना दिखा रही है। वहीं दूसरी ओर इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। नोखा तहसील की चरकड़ा ग्राम पंचायत में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ४० आवास आवंटित किए थे। महीनों गुजर जाने के बाद अभी तक इसमें से ६ ही लोगों के आवास बनकर तैयार हो सके, १० में निर्माण कार्य जारी है। शेष २४ ग्रामीण अपने आवास बनने की बाट जोह रहे हैं।
 

इतना ही नहीं आवास के लिए बनाई गई स्थाई वरीयता सूची में करीब १२५ से अधिक परिवारों को योजना का लाभ मिलना शेष है। यह तो एक ग्राम पंचायत की स्थिति है, ऐसी लापरवाही अन्य ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिल जाएगी। पीडि़त कुम्भाराम पुत्र चेतनराम मेघवाल का कहना है कि महीनों गुजर जाने के बाद भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पंचायत कार्यालय चक्कर काट काटकर थक चुके हैं, वहां एक ही जवाब सुनने को मिलता है कि आगे से पैसा आएगा, तभी काम होगा। इसमें हम भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
 

कर रहे इंतजार
ग्रामीणों का कहना है कि वह कच्चे मकान में रहते थे। जैसे ही सरकार ने इस योजना को लागू करने की घोषणा की, तो बांछे खिल उठी और हम अपने पक्के मकान का सपना पूरा होने का इंतजार करने लगे। लेकिन जिस हिसाब से इस योजना में काम हो रहा है, उसे देखकर लगता है कि हमारा सपना तो महज सपना ही बनकर रह गया। ना जाने कब पक्के आशियाने का सपना पूरा होगा?
 

नहीं हो रहा पैसा रिलीज
प्रधानमंत्री आवास योजना में वितीय वर्ष 2018-19 के लिए ४० आवास का लक्ष्य आवंटित किया था। वरीयता सूची में से ३७ योग्य परिवारों के फॉर्म संपूर्ण दस्तावेजों के साथ जियो टैगिंग करके ऑनलाइन आवास सॉफ्टवेयर पर दर्ज कर दिए। गाइड लाइन के अनुसार जियो टैगिंग के साथ फॉर्म फीड हो जोन पर तुरंत प्रथम किश्त ऑनलाइन जारी हो जानी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कई लाभार्थी महीनों से बैंक व पंचायत कार्यालय के बीच चक्कर लगा रहे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पंचायत समिति में बैठे अधिकारी एक ही जवाब देते है कि किस्त जारी कर दी, बैंक में चेक कर लो।
 

 

पैसा दिया नहीं, विभाग मांग रहा प्रोग्रेस रिपोर्ट

चरकड़ा में स्वीकृत आठ लाभार्थियों की जियो टैगिंग व सभी दस्तावेजों सहित आवास सॉफ्टवेयर पर फीडिंग कार्यवाही पूरी हो चुकी हैं। पंचायत समिति वाले बोल रहे है, प्रथम किश्त राशि जारी कर दी, जबकि लाभार्थी पैसे लेने के लिए महीनों से चक्कर काट रहे है, पैसा नहीं मिल रहा है। वहीं जिम्मेदार विभाग व उसके अधिकारी इनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट मांग रहे हैं। पीडि़त कुम्भाराम मेघवाल, चेनाराम ढोली, मोहनराम मेघवाल, आसूराम मेघवाल, भूराराम मेघवाल, मोती सिंह राजपूत, केशुराम मेघवाल और जगदीश मेघवाल को प्रथम किश्त राशि नहीं मिली है।
 

 


इनका कहना है

कुछ आवंटियों की प्रथम किश्त खाते में नहीं आई है, इसके लिए समन्वय किया जा रहा है। कुछ की दो बार किश्त राशि जारी कराने के बाद भी बैंक की तकनीकी खामी के चलते खातों में पैसे जमा नहीं हो रहे हैं। उनके दूसरे बैंक में खाते खुलवाए जा रहे हैं।
धीरेंद्र श्रीवास्तव, ग्राम विकास अधिकारी चरकड़ा।
 

चरकड़ा में ६ आवासों के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र व ५ के उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किए हैं, लेकिन द्वितीय व अंतिम किश्त जारी नहीं हुई है। प्रतिबंधित बजरी के कारण इन आवासों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं कार्मिको के आंदोलन के चलते मस्ट्रोल जारी नही होने से यह योजना दम तोड़ रही है।
सवाई सिंह चरकड़ा, सरपंच

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