जानकारी के अनुसार आठ मार्च की शाम को दो बंदियों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर शंकरलाल बिश्नोई बंदी पर एक बंदी व उसके साथियों ने हमला कर दिया। हमले में शंकरलाल का हाथ टूट गया। उसे नौ मार्च को पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। 12 मार्च को बंदी शंकरलाल का ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉण् बीएल खजोटिया व उनकी टीम ने किया। डॉण् खजोटिया ने बताया कि शंकरलाल का ऑपरेशन किया गया। बंदी को रविवार को पीबीएम अस्पताल के बंदी वार्ड में शिफ्ट किया गया है। गौरतलब है कि पखवाड़ेभर पहले जेल प्रहरी मनोहरलाल को एलईडी टीवी में मोबाइल ले जाते हुए पकड़ा था। इस मामले में जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया वहीं जेलर विजयसिंह को एपीओ किया गया। इस मामले के दो दिन बाद ही जेल प्रहरी कमल मीणा के अंडरवीयर में जर्दे के 12 पैकेट ले जाते हुए पकड़ा थाए जिसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
जेल में बंदिरों के पास मोबाइलए सिमए चार्जर मिलने की घटनाएं अब आम हो चुकी है। जेल में बंदियों के पास हथिरार भी पहुंचे हैं। 24 जुलाई 2014 को जेल में हुई गैंगवार में बंदियों को पिस्तौल मुहैया कराई गई थी। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जेल में बंदियों को सब सामान मिलीभगत से उपलब्ध कराया जा रहा है। इन परिस्थितियों में जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
28 जून 2013 को भी तीन बंदियों की दर्दनाक हत्या हुई थी। पवनकुमारए मूलाराम और करनैलसिंह को मुस्लिम उर्फ रामसिंह नाम के एक कैदी ने ईंट से पीट.पीटकर मार डाला था। इस दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले मुस्लिम उर्फ रामसिंह मानसिक रोगी बताया गया। इसी वारदात में बीच.बचाव करने आए प्रहरी तरसैमसिंह और सीओ बंदी छाजूराम भी घायल हुए थे।
24 जुलाई, 2014 को जेल में खुलेआम कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और एक अन्य गुट के बंदी आपस में भिड़ गए । एक गुट ने बंदियों ने गोली चलाईए जिससे आनंदपाल का साथी बलवीर बानूड़ा मारा गया। दूसरे गुट ने ईंट.पत्थरों से दो बंदी जयप्रकाश और रामपाल को मार डाला।
अप्रेल 2019 में जेल में धूम्रपान को लेकर बंदी और सुरक्षा प्रहरी भिड़ गए। तब सजायाफ्ता बंदी सुरेन्द्र ने जेल प्रहरी पर ब्लेड से हमला कर घायल कर दिया। हमले में प्रहरी की अंगुलियां में कट लग गया था।
आरोपी व पीडि़त दोनों बंदी ३०२ के मामले में सजायाफ्ता है। आठ मार्च को दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। इसमें बंदी शंकरलाल का हाथ टूट गया। वह पीबीएम अस्पताल में उपचाराधीन है। पीडि़त बंदी सेे लिखित रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई करेंगे। पीडि़त बंदी पुलिस थाने में आरोपी बंदी के खिलाफ मामला दर्ज करवा सकता है।
परमजीत सिंह सिद्धू, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार