चार नंबरों पर मिल सकेगी सुविधा जिला जेलों के बंदियों को चार नंबरों पर बात करने की सुविधा दी जाएगी। यह चार नंबर घर के सदस्य, वकील व परिचित-दोस्त के हो सकेंगे, लेकिन इन नंबरों का रजिस्टर्ड कराना होगा। बंदी हर दिन बंदी पांच मिनट बात कर सकेंगे। बंदी के कॉल की रिकॉर्डिंग की जाएगी। वे दिन में एक बार ही बात कर सकेंगे।
10 केन्द्रीय जेलों में पहले से प्रदेश में १० केन्द्रीय जेल हैं, जहां पहले से बंदियों के लिए एसटीडी-पीसीओ की सुविधा है। इसके अलावा तीन जिला जेलों में भी एसटीडी-पीसीओ लगे हैं। अब सरकार प्रदेश की सभी जिला जेलों में बंदियों को एसटीडी-पीसीओ की सुविधा मुहैया करवा रही है। वर्तमान में बीकानेर जेल में तीन टेलीफोन उपकरण लगे हुए हैं।
इसलिए पड़ रही जरूरत जेल अधिकारियों के अनुसार केन्द्रीय जेल में बंदियों को परिजनों से टेलीफोन पर बात करने की सुविधा है। केन्द्रीय जेलों में एसटीडी-पीसीओ खोलने के बाद परिणाम सकारात्मक आए थे, बंदियों का तनाव कम हुआ था। ऐसे में अब जिला जेल में बंद बंदियों को भी मानसिक राहत देने के लिए इसकी आवश्यकता महसूस हो रही थी। इस पर जेल प्रशासन व सरकार ने मंथन कर यह सुविधा देने पर विचार किया है।
बंदियों का तनाव कम होगा हरियाणा की एक कंपनी के साथ एमओयू हुआ है। अब जिला जेलों में एसटीडी-पीसीओ खोले जा रहे हैं। इससे बंदियों का मानसिक तनाव कम होगा और उनका परिवार वालों से लगाव बढ़ेगा।
परमजीतसिंह सिद्धू, जेल अधीक्षक, बीकानेर