महंगाई व बेरोजगारी निशाने पर
देश में लगातार बढ़ रही महंगाई से आमजन को हो रही परेशानियां ख्याल गीत में इस बार प्रमुखता से शामिल होंगी। रम्मत कलाकार रम्मत के निर्धारित दिन रम्मत मंचन के दौरान ख्याल गीत के माध्यम से बेरोजगारी और महंगाई पर सार्वजनिक रूप से करारे व्यंग्य करेंगे। राजनीति, राजनेताओं और सरकारों पर कटाक्ष किए जाएंगे। शासन-प्रशासन की विफलताएं निशाने पर रहेगी। वहीं समसामयिक समस्याओं पर कटाक्ष ख्याल गीत के माध्यम से किया जाएगा। रम्मत उस्तादों के नेतृत्व में ख्याल गीत के विषय लगभग फाइनल हो गए है। प्रारम्भिक स्तर पर बोल भी तैयार हो गए है, जिनका अभ्यास अगले कुछ दिनों में किया जाना है।
वैक्सीन और वॉरियर्स पर गर्व
कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में तैयार हुई कोरोना वैक्सीन पर देश के वैज्ञानिकों पर गर्व ख्याल गीत के माध्यम से किया जाएगा। वहीं कोरोना काल में अपना जीवन दांव पर लगाकर कोरोना वॉरियर्स के रूप में सेवाएं देने वाले देश के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मियों सहित भामाशाहों और कार्यकर्ताओं पर गर्व किया जाएगा। भारत-चीन सीमा पर देश के जवानों की बहादुरी पर जवानों के प्रति गर्व गीत के माध्यम से किया जाएगा।
ये गीत प्रमुख
होलाष्टक में नत्थूसर गेट के अंदर फक्कड़ दाता, बारह गुवाड़ चौक में दासी महाराज ओझा की स्वांग मेहरी रम्मत, भट्ठड़ो का चौक में उस्ताद फागुजी व्यास की स्वांग मेहरी रम्मत और कीकाणी व्यास चौक में उस्ताद जमना दास कल्ला की स्वांग मेहरी रम्मतों के मंचन होते है। इन रम्मतों में गणेश, भवानी और मां लटियाल की स्तुती वंदना के बाद लावणी, चौमासा और ख्याल गीत प्रमुख रूप से गाए जाते है। इन गीतों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी रम्मत स्थल पर मौजूद रहते है।