विष्णुरूपी दूल्हों का होगा सम्मान
विभिन्न स्थानों पर पारम्परिक विष्णुरूपी दूल्हों का सम्मान होगा। कई स्थानों पर शाम चार बजे पहुंचने वाले पहले तीन दूल्हों को नकद राशि, स्मृति चिह्न सहित विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। रमक झमक संस्था की ओर से मंच कार्यालय के समक्ष शाम चार बजे पहुंचने वाले पहले दो दूल्हों को ‘सिरे पावणा बींद राजा’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इन दूल्हों को सपत्नीक श्रीनाथजी यात्रा का टिकट भी दिया जाएगा। श्री पुष्टिकर ब्राह्मण सामूहिक सावा व्यवस्था समिति की ओर से मोहता चौक में प्रथम तीन दूल्हों का नकद राशि व स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय पुष्करणा यूथ सामाजिक संस्थान की ओर से विष्णुरूपी दूल्हों का सम्मान किया जाएगा। संत लाल बाबा की स्मृति में विष्णुरूपी दूल्हों को स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे। रत्ताणी व्यास चौक में भी विष्णुरूपी दूल्हों का सम्मान किया जाएगा।
‘तू मत डरपे हो लाड़ला...’
लाल रंग के गर्म कंबल (लौंकार) की छत के नीचे विष्णुरूपी दूल्हे पैदल ही ‘ तू मत डरपे हो लाड़ला ’ पारम्परिक गीत की गूंज के बीच ससुराल पहुंचेंगे। दूल्हे सहित बाराती पैदल होंगे। रथ, बाजा, घोड़ी, डीजे के स्थान पर शंख और झालर की ध्वनियां होंगी।
समितियां तैयार, सेवाएं निशुल्क
संस्थाओं की ओर से सावे पर बड़ी संख्या में दूल्हों सहित बारातियों के सिर पर साफा, पाग, पाग-पगड़ी बांधने के लिए कलाकार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
बीरो म्हारो आयो रे
गुरुवार को कई परिवारों में मायरा की रस्म हुई। ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा भरा गया। महिलाओं ने ‘बीरा रिमक झिमक हुय आयजो’, ‘बीरो म्हारो आयो रे’ और ‘कठै सूं आई सूंठ, कठै संू आयो जीरो’ पारम्परिक मांगलिक गीतों का गायन किया।
वेद मंत्र से गूंजे गली-मोहल्ले, गणेश परिक्रमाएं हुई
शुक्रवार को होने वाले विवाह को लेकर गुरुवार वर-वधू की शहर में गणेश परिक्रमाएं (छींकी) निकलीं। वर-वधू अपने-अपने ससुराल पहुंचे। पोखने और खोळा भरने की रस्म का निर्वहन किया गया। गणेश परिक्रमाओं के दौरान बच्चों से बुजर्गो तक और बालिकाओं व महिलाओं ने वेद मंत्रों का उच्चारण किया। गणेश परिक्रमा के दौरान भगवान गणेश का पूजन किया गया। गणेश परिक्रमाओं के देर शाम से निकलने का शुरु हुआ सिलसिला मध्य रात्रि बाद तक चलता रहा। गणेश परिक्रमा से पहले मातृका स्थापना व पूजन तथा तोरण की रस्म हुई।
दाल पहुंचाने की रस्म
गुरुवार को परम्परानुसार वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष के यहां दाल और विभिन्न मसाले पहुंचाए गए। 11 अथवा 21 किलोग्राम मोठ छिलका दाल के बीच में सूखी लाल मिर्च को पेड़ के रूप में बांधकर लगाया गया। गुड़ की भेली, मिर्च, धनिया, हल्दी, लोंग, इलायची, जायफल, जावत्री सहित विभिन्न मसाले भी भेजे गए। वर के अंगल-मंगल की रस्म हुई।
खिरोड़ा व गोत्राचार आज
शुक्रवार को वधू पक्ष की ओर से खिरोड़ा में विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री के साथ दूध, वर के वस्त्र सहित अन्य सामग्री पहुंचाई जाएगी। इस दौरान वर-वधू पक्ष के लोगों की मौजूदगी में गोत्राचार होंगे।