बाहर बैठाना मजबूरी
इस विद्यालय में करीब 800 विद्यार्थी अध्ययनरत है। वर्तमान में विद्यालय परिसर में बारिश का पानी इक_ा होने के कारण भवन की नींव में सीलन आ रही है। वहीं इस गंदे बरसाती पानी की बदबू ओर मच्छरों के कारण विद्यार्थियों और शिक्षकों के हाल-बेहाल हो रखे है। विद्यालय के कमरों में बैठाकर पढ़ाना भी मुश्किल हो रखा है। जिसके चलते स्कूल स्टाफ द्वारा विद्यार्थियों को कमरों के बाहर बरामदे में बिठाकर अध्यन करवाना मजबूरी हो रखा है।
बरसाती पानी से लबालब
जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान नाले ओवरफ्लो होने के कारण शहर के ऊपरी हिस्से से आने वाला बरसाती व गन्दा पानी विद्यालय के पीछे के गेट से विद्यालय परिसर में घुसकर एकत्रित हो जाता है। साथ ही विद्यालय की छत का पानी भी यहीं पर एकत्रित होता है। इससे पहले विद्यालय के पीछे की दीवार को तोड़कर भी बरसाती पानी विद्यालय में आता था लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा वँहा पर मिट्टी डलवा कर पानी घुसने से रोक दिया गया है।
शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
प्रधानाचार्य आदूराम जाखड़ ने बताया कि इस समस्या के बारे में विधालय प्रबन्धन द्वारा संभागीय आयुक्त से लेकर उपखंड अधिकारी व पालिका प्रशासन को कई शिकायत करके बरसाती पानी निकालने की मांग की जा चुकी है। लेकिन अभी तक समस्या जस की तस है। वहीं पालिका चेयरमैन मानमल शर्मा का कहना था कि विद्यालय के पीछे के गेट को थोड़ा ऊपर करवाने से बरसाती पानी अंदर घुसने से रोका जा सकता है।
तालाबंदी की चेतावनी
विद्यालय परिसर में एकत्रित हो रहे बरसाती पानी की निकासी की समस्या का उचित समाधान नही होने पर अध्ययनरत विद्यार्थियों ने स्कूल में तालाबंदी करके प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है। छात्रों का कहना था कि जिम्मेदार समस्या की तरफ ध्यान देकर समाधान करे, ताकि अध्यन में व्यवधान न पैदा हो।