बीकानेरPublished: Nov 09, 2023 06:51:28 pm
Ashish Joshi
कोलायत : बीस साल से दो परिवार ही आमने-सामने, पार्टियों ने इस बार के चुनाव को बनाया विकास बनाम भ्रष्टाचार
सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि की तपो स्थली कोलायत। यहां सरोवर किनारे ही उन्होंने सांख्य दर्शन की रचना की थी। इन दिनों यहां 'चुनावी सांख्यिकी' बैठाई जा रही है। जितनी पवित्र भूमि है, उतनी ही धन-धान्य यहां धरा है। पथरीली जमीन पर भले ही फसलें ज्यादा नहीं लहलहाती, लेकिन यहां व्हाइट क्ले और बजरी के अकूत भंडार हैं। कुछ क्षेत्र में जिप्सम और कोयला भी है। खनन, रॉयल्टी और सोलर हब वाले क्षेत्र से भले यहां के आम आदमी के हाथ कुछ खास नहीं लगा, लेकिन सरकारी खजाना भरने के साथ कइयों की आर्थिक समृदि्ध के नए द्वार खुले हैं। इस बार चुनाव में भी इनसे जुड़ा भ्रष्टाचार और गुंडा टैक्स ही सबसे बड़ा मुद्दा बताया जा रहा है। कांग्रेस जहां क्षेत्र में कराए विकास कार्यों को गिना रही है वहीं भाजपा पिछले पांच साल में यहां भ्रष्टाचार की खुली छूट का आरोप लगाते हुए नए चेहरे को मौका देने की बात कह रही है। विधानसभा चुनाव में यह हमेशा हॉट सीट रही है। इस बार भाजपा के यहां टिकट बदलने के बाद मुकाबला रोचक बन रहा है। कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री भंवरसिंह भाटी का मुकाबला सात बार विधायक रहे देवीसिंह भाटी के पोते अंशुमान सिंह से हो रहा है। देवीसिंह भाटी परिवार की तीसरी पीढ़ी मैदान में है। अंशुमान के पिता महेंद्र सिंह बीकानेर से सांसद रहे थे।