उस संख्या के आधार पर निशुल्क यूनिफॉर्म का कपड़ा स्कूलों को उपलब्ध कराए जाएगा। हालांकि, सरकार की इस योजना के लागू होने से स्कूली बच्चों के उन गरीब माता पिता को थोड़ी राहत होगी, जिनके लिए स्कूल ड्रेस बनवाना भी बजट को बिगाड़ देता था। उसके बावजूद दो जोड़ी यूनिफार्म सिलाई के मात्र 175 यानी पौने दो सौ रुपए देकर सरकार ने योजना में खामी खोजने वालों के लिए बड़ी गुंजाइश छोड़ दी है।
दो यूनिफॉर्म सिलाई के मिलेंगे 175 रुपए
स्कूलों को नामांकन के आधार पर विद्यार्थियों को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा तथा यूनिफॉर्म को सिलाने के निर्धारित 175 रुपए स्कूलों के खाते में दिए जाएंगे।
शिक्षक संगठन कर रहे विरोध
शिक्षक संगठनों का कहना है कि 175 रुपए में दो यूनिफॉर्म क्या एक यूनिफॉर्म भी सिलाना संभव नहीं है। इतनी कम राशि में एक शर्ट तक नहीं सिलाया जा सकता, ऐसे में दो यूनिफॉर्म सिलाना संभव नहीं है। हालांकि शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि कम पड़ने वाली राशि के लिए संस्था प्रधान भामाशाहों को प्रेरित करें तो यूनिफॉर्म सिलाना कोई मुश्किल नहीं है। जबकि संस्था प्रधानों का कहना है कि वे तो जो राशि सरकार द्वारा दी जाएगी, वह बच्चों के अभिभावकों के सुपुर्द कर देंगे। कम पड़ने वाली राशि अभिभावक खुद मिलाकर अपने बच्चों की यूनिफॉर्म सिला लेंगे।