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विधानसभा क्षेत्र – बीकानेर पश्चिम : 5 साल बाद भी नहीं बदले हालात, मुद्दे जस के तस

locationबीकानेरPublished: Sep 17, 2018 03:30:05 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

5 साल बाद भी नहीं बदले हालात, मुद्दे जस के तस
इस बार मतदाताओं के जोड़-तोड़ की मची है होड़, इलाके में पहुंची पत्रिका टीम को जनता ने बताई समस्याएं व मुद्दे। इस बार मतदाताओं की घटत-बढ़त पर टिकी वोटिंग मीटर की सुई, लोग ही अब नेताओं को उनके वादों की याद दिला रहे हैं।

Rajasthan ka Ran : Bikaner West Assembly

Rajasthan ka Ran : Bikaner West Assembly

विधानसभा क्षेत्र – बीकानेर पश्चिम: विधानसभा चुनाव 2013 में यहां के बूथ पर कांग्रेस को सर्वाधिक मत मिले।

2013 में मतदान-1062 वोट

कांग्रेस को मिले- 869 वोट

बीकानेर. शहर का हृदय स्थल (सिटी हार्ट) कोटगेट के समीप ही संकरी गली में जैसे ही घुसते है विधानसभा क्षेत्र के इस मतदान केन्द्र के मतदाताओं का इलाका शुरू हो जाता है। दोनों तरफ दुकानें और होटल ज्यादा है। थोड़ा आगे बढऩे पर मांस-मछली के कारोबारियों की पूरी मार्केट बनी हुई है। इलाके में ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निवास करते हैं एेसे में दुकानदार भी इसी समुदाय के ज्यादा है। आसपास कई गलियां निकलती है, जो मुख्य रोड पर आती है। व्यापारियान मोहल्ला, जामा मस्जिद और मीट मार्केट क्षेत्र प्रमुख पहचान रखते है। क्षेत्र के पार्षद मोहम्मद अख्तर है।
2013 के चुनावों में बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के डॉ. बीडी कल्ला भाजपा के डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी के सामने चुनाव हार गए थे। परन्तु इस इलाके में कल्ला को बम्पर बोट मिले थे। इसका एक कारण अल्पसख्यक समुदाय बाहुल्य क्षेत्र भी माना जाता रहा है। बाद में नगर निगम चुनावों में भी मतदाताओं ने कांग्रेस के मोहम्मद अख्तर को पार्षद चुना। लोगों से बात करने पर उन्होंने कहा कि हमने वोट दिए। जीत-हार प्रत्याशी की किस्मत है लेकिन हमारी उम्मीदें तो वोट पाने वाले से ही रही। पांच साल पहले सीवरेज की बड़ी समस्या थी जो आज भी कायम है। यातायात दूसरी बड़ी परेशानी है जिसका निदान नहीं हुआ है। मार्केट की सड़क पर जाम से दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। एेसे में घाटे के शिकार दुकानदार पलायन भी करने लगे है। सड़कों की हालत तो पूछो ही मत। बुरा हाला है, बिना बारिश के गंदा पानी पसरा रहता है। पांच साल में हालात में कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ। जब कोई पर्व-त्योहार आता है तो रोड लाइटें जरूर जलने लगती है।
कोटगेट से व्यापारियान मोहल्ला की ओर कुछ आगे बढ़े और एक दुकानदार से बात करनी शुरू की। सवाल किए बिना ही वह तपाक से बोल पड़े, पांच साल में यहां बदला क्या है? ट्रैफिक की समस्या पर बोलने लगे तभी एक ग्राहक आ गया तो बोले आप थोड़ी देर में आना यहां पांच साल में ट्रैफिक समस्या से ग्राहकी लगातार घट रही है। कुछ आगे बढ़े तो चाय-पान की दुकान पर लोगों की भीड़ मिली। फिर थोड़ा आगे बढ़े तो कचरे और मास के अपशिष्ट की दुर्गंध से मुंह पर रूमाल बांधने पर मजबूर हो गए। यह बूथ वार्ड 11 में आता है। इलाके में अधिकांश आबादी मुस्लिम है।
मोहल्ले में खड़े मुज्जफर अली ने बताया कि कौन-कौन सी समस्याएं गिनाऊ। साफ-सफाई होती नहीं। कचरे का ढेर लगा रहता है। विधायक लंबे समय से इधर आए नहीं। मोहम्मद शाहीद ने बताया कि सीवरेज की समस्या जस की तस है। आए दिन सीवरेज जाम होती रहती है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। दूषित पानी घरों में पहुंच जाता है। काम ज्यादा हुए नहीं एेसे में लोगों का रूख बदलेगा यह कम ही लगता है। मोहम्मद आदिल ने बताया कि क्षेत्र को प्रशासन ने वन-वे घोषित कर रखा है, लेकिन आज तक व्यवस्था नहीं सुधरी। हर समय मोहल्ले में यातायात का दबाव रहता है।
ये बोले पार्टी कार्यकर्ता
‘वार्ड पार्षद मोहम्मद अख्तर ने बताया कि पांच साल में नगर निगम से टैण्डर हुए वो तो काम हुए, लेकिन सेल्टर हाऊस का कोई रख रखाव नहीं हुआ, सफाई नियत समय पर नहीं होती। सीवरेज चैम्बर अर्से जाम पड़े है। बूथ क्षेत्र में शराब ठेका भी समस्या है।
मोहम्मद अख्तर, पार्षद, वार्ड 11
‘यूआईटी से इस क्षेत्र में अभी सड़कें बनवाई है। बूथ पर आने वाले चुनावों में वोटों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए डोर-टू-डोर जाकर प्रयास किए है। उम्मीद है इस बार बीजेपी के पक्ष में माहौल बनेगा।
असलम कुरैशी, अल्पसंख्यक मोर्चा, भाजपा
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