scriptNew Vacancy 2024: राजस्थान में टीचर के डेढ़ लाख पद खाली, कब खुलेगी बेरोजगारों की किस्मत? | Rajasthan New Vacancy 1.50 lakh teacher posts vacant in government schools of Rajasthan | Patrika News
बीकानेर

New Vacancy 2024: राजस्थान में टीचर के डेढ़ लाख पद खाली, कब खुलेगी बेरोजगारों की किस्मत?

Rajasthan News : चुनाव सिर पर है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब के वादों और कार्य योजनाओं के दम पर चुनाव जीतने का दम भर रहे हैं। इन वादों में बेहतर शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी को दूर करना ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके बलबूते पर सरकारें सत्ता में आती है।

बीकानेरApr 14, 2024 / 12:06 pm

Kirti Verma

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Rajasthan New Vacancy 2024: चुनाव सिर पर है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब के वादों और कार्य योजनाओं के दम पर चुनाव जीतने का दम भर रहे हैं। इन वादों में बेहतर शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी को दूर करना ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके बलबूते पर सरकारें सत्ता में आती है। हर बार चुनाव जीतने के साथ ही सबसे पहले शिक्षा के लिए किए गए वादे को ही बिसरा दिया जाता है। हालात ये ही कि सरकारी स्कूलों की रीढ़ कहे जाने वाले अध्यापकों के प्रदेश में करीब डेढ़ लाख पद रिक्त पड़े हैं। इसके कारण बेरोजगार विद्यार्थी अपने भविष्य निर्माण को लेकर बाट जोह रहे हैं। प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य से लेकर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के पद रिक्त होने से विद्यालयों की व्यवस्थाएं चरमरा रही है। कई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिना व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के विद्यार्थी लगातार दो सत्र से परीक्षाएं दे रहे हैं।

यहां पर भी काफी पद चल रहे रिक्त
शिक्षा विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में प्रधानाचार्य, उप-प्राचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक व अध्यापक सहित अन्य पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। इसका प्रभाव शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है। हालांकि तृतीय श्रेणी सहित कुछ शिक्षकों की चुनाव से पहले नियुक्तियां हुई थी।

बढ़ रहा बेरोजगारी का ग्राफ
सरकार ने 2009-10 से आरटीई लागू करने के बाद भी इसके प्रावधान के अनुरूप रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है और न ही अधिनियमों की पालना में पद सृजित किए जा रहे हैं। बेरोजगारी ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह सरकारी विद्यालयों में वर्ष दर वर्ष नामांकन भी बढ़ रहा है, लेकिन भर्तियां आती भी हैं, तो ऊंट के मुंह में जीरे की कहावत को चरितार्थ करती है। प्रशिक्षित बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।

शिक्षक नेताओं की राय
सभी संवर्गों में विभागीय पदोन्नति और सीधी भर्ती से रिक्त शैक्षणिक पदों को अविलम्ब भरना चाहिए। अभिभावकों और विद्यार्थियों में सरकारी विद्यालयों के प्रति जो रूझान बना है, वह दीर्घकालीन बना रह सके। पद भरे होने से नामांकन में वृद्धि होगी।
-दर्शन कंबोज, शिक्षक नेता, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ, श्रीगंगानगर

शिक्षा विभाग में समय पर पदोन्नतियां नहीं होने से विद्यालयों में विशेषकर व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के पद रिक्त हैं। इससे न केवल शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं। बल्कि परीक्षा परिणाम भी गुणात्मक दृष्टि से प्रभावित हो रहे हैं।
-चेतन प्रकाश सैनी, उपाध्यक्ष, राज. विशेष शिक्षक संघ, श्रीगंगानगर

वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है और आचार संहिता लगी हुई है। इस कारण शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों पर पदोन्नतियां व विद्यालयों में खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा रही है। चुनाव के बाद ही निदेशालय स्तर पर इसको लेकर विभाग कार्रवाई करेगा।
-पन्नालाल कड़ेला, सीडीइओ, शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर।

यह है रिक्त पदों की स्थिति

पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त

प्रधानाचार्य 17153 11112 6041

उप प्राचार्य 12414 1187 11227

व्याख्याता 55081 33860 21121

वरिष्ठ अध्यापक 85468 52364 33104

अध्यापक 98446 69174 29272

शा.शिक्षक ग्रेड-2 4029 1919 2110

शा.शिक्षक ग्रेड-3 10893 8998 1895

वरिष्ठ सहायक 5667 3768 1899

कनिष्ठ सहायक 12544 9241 3303

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 27294 6477 20817

कम्प्यूटर 9862 5276 4586

लाईब्रेरियन ग्रेड 3 2991 1965 1026

लैब सहायक 4225 3255 970

लैब परिचारक 1470 267 1203

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