उधर, अवैध वाहनों से भी रोडवेज को मार झेलनी पड़ रही है। रोडवेज प्रबंधन अवैध वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन व परिवहन विभाग से गुहार लगा चुका है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस है। इससे रोडवेज प्रबंधन चिन्तित है, वहीं कर्मचारी संगठनों में रोष है।
यह मंशा है
रोडवेज आगार प्रबंधन की मंशा है कि उरमूल सर्किल सहित कई स्थानों पर पनप रहे अवैध बस स्टैण्डों को हटाया जाए। निर्धारित बस स्टैण्डों के बजाय अनाधिकृत रूप से विकसित बस स्टैण्डों को हटाने के लिए श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा व बीकानेर आगार प्रबंधक एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। आगार प्रबंधक इंद्रा गोदारा ने बताया कि इन दिनों यात्रीभार 65 प्रतिशत रह गया है। अवैध वाहनों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे भी रोडवेज की आय प्रभावित हो रही है।
रोडवेज आगार प्रबंधन की मंशा है कि उरमूल सर्किल सहित कई स्थानों पर पनप रहे अवैध बस स्टैण्डों को हटाया जाए। निर्धारित बस स्टैण्डों के बजाय अनाधिकृत रूप से विकसित बस स्टैण्डों को हटाने के लिए श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा व बीकानेर आगार प्रबंधक एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। आगार प्रबंधक इंद्रा गोदारा ने बताया कि इन दिनों यात्रीभार 65 प्रतिशत रह गया है। अवैध वाहनों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे भी रोडवेज की आय प्रभावित हो रही है।
नई बसें नहीं मिली
‘रोडवेज के बेडे में खटारा (पुरानी) बसों से ही काम चलाया जा रहा है। नई बसें नहीं मिली है। सेवानिवृत्त कार्मिकों को बकाया पैसा अभी तक नहीं मिला। रोडवेज की माली हालात खराब होती जा रही है, अवैध वाहन, लोक परिवहन सेवा और निजी बसें धड़ल्ले से दौड़ रही है। इस पर अंकुश लगना चाहिए।
गिरधारीलाल, सचिव, सेवानिवृत्त एसोसिएशन
‘रोडवेज के बेडे में खटारा (पुरानी) बसों से ही काम चलाया जा रहा है। नई बसें नहीं मिली है। सेवानिवृत्त कार्मिकों को बकाया पैसा अभी तक नहीं मिला। रोडवेज की माली हालात खराब होती जा रही है, अवैध वाहन, लोक परिवहन सेवा और निजी बसें धड़ल्ले से दौड़ रही है। इस पर अंकुश लगना चाहिए।
गिरधारीलाल, सचिव, सेवानिवृत्त एसोसिएशन