हालांकि पहले प्रयास में रोडवेज प्रबंधन ऐसे परिचालकों के साथ संवाद स्थापित कर रहा है। इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। जानकारी के अनुसार रोडवेज के कई ऐसे रुट हैं जो औसतन आय भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे कुछ रुटों पर बसों का संचालन पूर्व में ही बंद किया जा चुका है। वर्तमान में कुछ ऐसे रुट हैं जो औसतन 20 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
यह हैं घाटे के रूट
बीकानेर आगार के कुछ ऐसे रुट हैं जिन पर चलने वाली बसें औसत आय भी नहीं निकाल पा रही हैं। इसमें बीकानेर-कालू, नापासर, रायसर, खाजूवाला, पांचू, हनुमानगढ़, शेखसर, धरनोक आदि ऐसे रुट हैं, इन पर चलने वाली बसें औसत आय भी नहीं निकाल पा रही है।
बीकानेर आगार के कुछ ऐसे रुट हैं जिन पर चलने वाली बसें औसत आय भी नहीं निकाल पा रही हैं। इसमें बीकानेर-कालू, नापासर, रायसर, खाजूवाला, पांचू, हनुमानगढ़, शेखसर, धरनोक आदि ऐसे रुट हैं, इन पर चलने वाली बसें औसत आय भी नहीं निकाल पा रही है।
यह होता है काम
जिन रुटों पर रोडवेज की बसें संचालित हो रही हैं, उन रुटों पर अचानक पहुंचकर जांच करने का काम निरीक्षक का होता है। बस में बैठे सभी यात्रियों को टिकट दिया या नहीं। रोडवेज के निर्धारित स्थानों पर बसें ठहरती है, या नहीं। बस में बैठने वाले यात्रियों से कही अधिक किराया तो वसूली नहीं हो रहा है, आदि कार्यों की जांच की जाती है।
जिन रुटों पर रोडवेज की बसें संचालित हो रही हैं, उन रुटों पर अचानक पहुंचकर जांच करने का काम निरीक्षक का होता है। बस में बैठे सभी यात्रियों को टिकट दिया या नहीं। रोडवेज के निर्धारित स्थानों पर बसें ठहरती है, या नहीं। बस में बैठने वाले यात्रियों से कही अधिक किराया तो वसूली नहीं हो रहा है, आदि कार्यों की जांच की जाती है।
निरीक्षकों का अभाव
एक तरफ कई बसें औसत से कम आय ला रही हैं। दूसरी ओर बीकानेर आगार में निरीक्षकों का अभाव है। इस कारण बसों के निरीक्षण का काम -काज प्रभावित रहता है। रोडवेज के उडऩ दस्ते में लिपिक, वितरक या परिचालकों को भी शामिल नहीं किया जा सकेगा।
एक तरफ कई बसें औसत से कम आय ला रही हैं। दूसरी ओर बीकानेर आगार में निरीक्षकों का अभाव है। इस कारण बसों के निरीक्षण का काम -काज प्रभावित रहता है। रोडवेज के उडऩ दस्ते में लिपिक, वितरक या परिचालकों को भी शामिल नहीं किया जा सकेगा।
मुख्यालय ने सभी आगार प्रबंधकों को इस संबंध में पिछले दिनों आदेश जारी किया था। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि वाहन निरीक्षण कार्य के लिए गठित उडन दस्तों में वरिष्ठ, कनिष्ठ लिपिक, परिचालकों को शामिल नहीं किया जाए।
नियमानुसार करेंगे कार्रवाई
आय कम लाने वाले परिचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पहले चरण में संवाद स्थािपत किया जा रहा है। दूसरे चरण में कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए परिचालकों की सूची बनाई गई है। कई ऐसे रुट हैं जिन पर औसत आय भी नहीं आ रही है।
रवि सोनी, आगार प्रबंधक
आय कम लाने वाले परिचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पहले चरण में संवाद स्थािपत किया जा रहा है। दूसरे चरण में कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए परिचालकों की सूची बनाई गई है। कई ऐसे रुट हैं जिन पर औसत आय भी नहीं आ रही है।
रवि सोनी, आगार प्रबंधक